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Rambha Tritiya 2022 Date: कल है रंभा तृतीया व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Rambha Tritiya 2022 Date: इस साल रंभा तीज व्रत 2 जून को रखा जायेगा. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और रंभा अप्सरा को याद किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत का पूजन विधि पूर्वक करने से यौवन और आरोग्य प्राप्त होता है.

Rambha Tritiya 2022 Date: सौंदर्य और सौभाग्य का व्रत रंभा तीज ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस बार यह व्रत 2 जून को रखा जायेगा. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और रंभा अप्सरा को याद किया जाता है. ऐसे में इसे जुड़ी कहानी के बारे में पता होना जरूरी है.

Rambha Tritiya 2022 : कब है रंभा तृतीया व्रत?

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 01 जून बुधवार की रात में 09 बजकर 47 मिनट से हो रही है. वहीं इस तिथि का समापन 03 जून 2022, शुक्रवार की रात 12 बजकर 17 मिनट पर होगा. उदया तिथि 02 जून 2022, दिन गुरुवार को प्राप्त हो रही है, इसलिए ये व्रत 02 जून को रखा जाएगा.

Rambha Tritiya 2022 : रंभा अप्सरा की उत्पत्ति

पौराणिक कथा के अनुसार रंभा अप्सरा की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थीं. एक बार जब देवाताओं और असुरों के मध्य युद्ध हुआ था. उसमें देवता पराजित हुए थे. असुरों पर देवताओं विजय के उद्देश्य से जब देवता और असुरों के मध्य जब समुद्र मंथन हुआ था. उसी समुद्र मंथन में निकले 14 रत्नों में से एक अप्सरा रंभा भी थी. रंभा पुराणों में सौंदर्य का प्रतीक मानी गई है. रंभा तीज का व्रत रंभा अप्सरा को समर्पित है.

Rambha Tritiya 2022 : पूजा विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करके व्रत एवं पूजा का संकल्प लें और पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुंहकर के पूजा के लिए बैठें
स्वच्छ आसन पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। उनके आसपास पूजा में पांच दीपक लगाएं
सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद 5 दीपक की पूजा करें
इसके बाद भगवान शिव-पार्वती की पूजा करें
पूजा में मां पार्वती को कुमकुम, चंदन, हल्दी, मेहंदी, लाल फूल, अक्षत और अन्य पूजा की सामग्री चढ़ाएं।
वहीं भगवान शिव गणेश और अग्निदेव को अबीर, गुलाल, चंदन और अन्य सामग्री चढ़ाएं

Rambha Tritiya 2022 : महत्व

रंभा तीज व्रत पूजन से स्त्रियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस व्रत का पूजन विधि पूर्वक करने से यौवन और आरोग्य प्राप्त होता है. इस दिन दान का भी विशेष महत्व है.

रंभा तीज पूजा विधि

रंभा तीज के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़ा धारण कर लें. इसके बाद सूर्य की तरफ मुख करके बैठ जाएं और दीपक जलाएं. आपको बता दें कि इस दिन विवाहित स्त्रियां सौभाग्य और सुंदरता की प्रतीक रंभा, धन की देवी मां लक्ष्मी और सती की विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं. इस दिन कुछ जगहों पर चूड़ियों के जोड़े को रंभा के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है. साथ ही इस दिन रंभोत्कीलन यंत्र की भी पूजा की जाती है. अप्सरा रंभा को इस दिन चंदन, फूल आदि अर्पित किया जाता है. इसके अलावा आर रंभा तीज को हाथ में अक्षत लेकर इन मंत्रों का जाप करेंगे तो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी.

ॐ दिव्यायै नमः।
ॐ वागीश्चरायै नमः।
ॐ सौंदर्या प्रियायै नमः।
ॐ योवन प्रियायै नमः।
ॐ सौभाग्दायै नमः।
ॐ आरोग्यप्रदायै नमः।
ॐ प्राणप्रियायै नमः।
ॐ उर्जश्चलायै नमः।
ॐ देवाप्रियायै नमः।
ॐ ऐश्वर्याप्रदायै नमः।
ॐ धनदायै धनदा रम्भायै नमः।

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