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झारखंड : लातेहार के दर्जनों गांव टापू में तब्दील, पैदल चलना तक हुआ दूभर, जानें कारण

लातेहार के दो प्रखंड के दर्जनों गांव के ग्रामीण ठेकेदार की लापरवाही का दंश झेलने को मजबूर हैं. दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गया है, वहीं सड़क नहीं होने के कारण पैदल चलने में भी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने डीसी से ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए जल्द निर्माण की मांग की है.

महुआडांड (लातेहार), वसीम अख्तर : लातेहार जिला अंतर्गत महुआडांड अनुमंडल के दो प्रखंड महुआडांड़ व गारू के दर्जनों गांव के ग्रामीण ठेकेदार की लापरवाही का दंश झेल रहे हैं. ये गांव बारिश में टापू में तब्दील हो जाता है, वहीं कीचड़युक्त सड़क होने के कारण पैदल चलना तक दूभर हो जाता है. इस संबंध में ठेकेदार का पक्ष जानने के लिए फोन से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

टापू में तब्दील कई गांव, आवागमन में होती परेशानी

बताया गया कि एके एंड आर के कंपनी के ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा महुआडांड अनुमंडल के दो प्रखंड महुआडांड़ व गारू के दर्जनों गांव के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. ठेकेदार के कार्य के प्रति लापरवाही के कारण महुआडांड की ओरसा पंचायत का चिकनीकोना गांव टापू में तब्दील हो गई है. आधा-अधूरा निर्माण कार्य कर छोड़ दिये जाने के कारण ग्रामीणों को आवागमन में भी कठिनाई हो रही है.

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क्या है मामला

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामाीण विकास विभाग (ग्रामीण कार्य मंत्रालय) कार्य प्रमंडल लातेहार द्वारा एके एंड आर के कंपनी के ठेकेदार को 10 करोड़ 72 लाख रुपये के लागत से महुआडांड एवं गारू प्रखंड में चार ग्रामीण पथ बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके तहत दो करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से महुआडांड प्रखंड की अक्सी पंचायत के बंदुआ से गोयरा गांव तक चार किलोमीटर पथ निर्माण, एक करोड़ 11 लाख की लागत से मेढ़ारी से चिकनीकोना तक 1.6 किमी लंबी पीसीसी रोड एवं पुल निर्माण, तीन करोड़ 30 लाख की लागत से गारू प्रखंड अंतर्गत बारेसाढ़ बस स्टैंड से मायापुर तक पथ निर्माण, वहीं तीन करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से गारू के रामसेली मोड़ से नावाटोली पहाड़कोचा तक पथ निर्माण का कार्य होना था. यह कार्य वित्तीय वर्ष 2021-22 की है.

ग्रामीणों को हो रही परेशानी

ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार के कार्य करने की गति इतनी धीमी है कि कार्य एग्रीमेंट हुए दो साल गुजर गये, लेकिन बंदुआ से गोयरा और मेढ़ारी से चिकनी कोना तक का निर्माण कार्य 10 प्रतिशत भी नही किया गया है. नतीजा क्षेत्र के ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

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मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी

कंपनी के ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को मजदूरी भी नहीं मिली है. बंदुआ से गोयरा व मेढ़ारी से चिकनी कोना तक पथ निर्माण में मजदूरी करने वाले मजदूर विनय यादव, अलबर्ट बरवा, दया किशोर तिर्की, रेमोन तिर्की, हरिशंकर सिंह, वसमत सिंह, रवींद्र सिंह, किशोर बरवा, विमल यादव, राकेश्वर यादव, मोहर यादव, रूपेश यादव, कुर्बान अंसारी, खदी सिंह, जितेन्द्र सिंह, रेंगा सिंह आदि ने बताया कि काम किये हुए कई महीना बीत गया. लेकिन, अब तक मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. बकाये कि बात करें, तो मजदूरों का लगभग एक लाख रुपया बाकी है. मजदूरी दर प्रतिदिन 200 रुपये देता था. इससे उनलोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई.

ग्रामीणों ने डीसी से की मांग

इस संबंध में चिकनीकोना गांव के ग्रामीण जय कुमार तुरी, सुरेश महतो, लालदीप महतो, सागर यादव, राजू उरांव आदि ने कहा कि ठेकेदार द्वारा अधूरे निर्माण कार्य कर छोड़ दिये जाने से गांव टापू में तब्दील हो गया है. आने-जाने में काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने उपायुक्त से ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए सड़क निर्माण का कार्य शुरू करने की मांग की है.

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सड़क निर्माण कार्य के दौरान काटे गये दर्जनों पेड़

महुआडांड के बंदुआ से गोयरा तक चार किलोमीटर पथ निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा किनारे लगे दर्जनों पेड़ों की अवैध रूप से कटाई कर गिरा दिया गया है. दर्जनों पेड़ों के काटे जाने से ग्रामीण काफी नाराज है. ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ काटे जाने से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

ठेकेदार को काली सूची में डालने के लिए भेजा जाएगा पत्र : एग्जीक्यूटिव इंजीनियर

इस संबंध में आरईओ विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ओमप्रकाश बड़ाईक ने बताया कि खुद भी एके एंड आर के कंपनी के ठेकेदार की कार्यप्रणाली से परेशान हैं. कार्य करने को लेकर विभाग द्वारा ठेकेदार को दो-दो बार नोटिस दिया गया, पर ठेकेदार द्वारा कोई रिप्लाई नहीं दिया गया. अब जल्द ही विभाग को कार्य बंद करने को लेकर अनुशंसित पत्र भेजा जाएगा. साथ ही ठेकेदार को काली सूची में डालने के लिए भी पत्र प्रेषित की जायेगी.

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