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Krishna janmashtami: वृंदावन में तैयार ठाकुरजी के पोशाक की बढ़ी विदेशों में डिमांड, जानें यूएसए, कनाडा और आस्ट्रेलिया समेत किन देशों से आ रहा है सबसे अधिक आर्डर

krishna janmashtami 2020: कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी में कृष्ण भक्त जुट गये है. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में अब सिर्फ चंद दिन ही बचा हुआ है. आज बलराम जन्मोत्सव है. कृष्ण जन्माष्टमी दो दिन पहले बलराम जन्मोत्सव मनाते है. इसे हल छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण के बलदाऊ भैया की पूजा की जाती है.

krishna janmashtami 2020: कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी में कृष्ण भक्त जुट गये है. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में अब सिर्फ चंद दिन ही बचा हुआ है. आज बलराम जन्मोत्सव है. कृष्ण जन्माष्टमी दो दिन पहले बलराम जन्मोत्सव मनाते है. इसे हल छठ के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण के बलदाऊ भैया की पूजा की जाती है. इस दौरान देश और दुनिया के लोग अपने कृष्ण कन्हैया के शृंगार की तैयारियों में जुट गए हैं. ठाकुरजी के लिए नई पोशाक, मुकुट, बिछौना की खरीदारी ऑनलाइन करने में जुटे हुए है. इन दिनों ब्रजभूमि के बाजारों से इनकी खरीदारी ऑनलाइन की जा रही है. वृंदावन के बाजार में यूएसए से सबसे अधिक डिमांड आ रहा है.

इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनायी जाएगी. इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. लोग ठाकुरजी के लिए शृंगार का सामान खरीद रहे हैं. इस बार कोरोना संक्रमण को देख बड़ी संख्या में लोगों ने घरों पर ही ठाकुरजी की पोशाक तैयार कर ली हैं. ऐसे भक्त भी बहुत हैं, जो भगवान की लीला स्थली वृंदावन से ही उनकी पोशाक ऑनलाइन मंगा रहे हैं. देश में सबसे अधिक डिमांड दिल्ली, मुंबई और कोलकाता से आ रहा है, जबकि विदेशी धरती से सर्वाधिक डिमांड यूएसए से आ रहा है. वहीं, कनाडा के भक्त कन्हैया की पोशाक खरीद में दूसरे स्थान पर हैं. आस्ट्रेलिया और लंदन से भी डिमांड कम नहीं है.

कोरोना वायरस ने वृंदावन में ठाकुरजी की पोशाक बनाने के कारोबार को चौपट कर दिया है. कारोबारियों का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के साथ आम दिनों में यह कारोबार 60 से 80 करोड़ तक चला जाता था, जो अब सिर्फ 5 से 8 प्रतिशत तक ही सिमट कर रह गया है, इस साल पर्यटनों का ब्रज दर्शन को न आना इस कारोबार के लिए सबसे नुकसानदेय रहा है. दिन पर दिन कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. कारोबारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं.

ऑनलाइन पर निर्भर है कारोबारी

वृंदावन में ठाकुरजी की पोशाक बनाने के लिए घर-घर में कारखाना है, जो अब काम के अभाव में हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं. स्थिति इस कदर खराब है कि उनके पास इतना भी पैसा नहीं है कि वे शृंगार से जुड़ा सामान तैयार कर सकें. इस कारोबार से जुड़े कारीगरों की संख्या यहां करीब 5 हजार अधिक बताई जाती है. बाजार में दुकानदार भी ग्राहक के अभाव में नए सामान की खरीद करने को तैयार नहीं है. कोरोना संक्रमण ने कारोबार खत्म कर दिया है. कोई खरीदारी नहीं हो रही है.

दुकान और बाजार भी नहीं खुल रहे हैं. ग्राहक ही नहीं आ रहे है. एकाद डिमांड आ जाए तो उसे भेज दिया जाता है. इस बार बाजार में सिर्फ ऑनलाइन खरीदारी बची है. यह बमुश्किल से पांच प्रतिशत ही पिछले साल के मुकाबले होगी. ऑनलाइन डिमांड जहां से आ जाती है उसे भेज दिया जाता है. दुकानदारों के अनुसार ऑनलाइन खरीदारी में यूएस की डिमांड सबसे अधिक आ रही है. इसके बाद कनाडा के कृष्ण भक्त मथुरा-वृंदावन से ठाकुरजी की पोशाक मंगा रहे हैं. लंदन और आस्ट्रेलिया को भी ठाकुरजी की पोशाक जा रही है.

News posted by : Radheshyam kushwaha

Prabhat Khabar Digital Desk
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