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जेयू : रैगिंग रोकने के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम का हुआ गठन, विश्वविद्यालय के दो किमी. के दायरे में रहेगी टीम

हॉस्टल में कोई बाहरी प्रवेश नहीं कर सके, इसे लेकर लॉग बुक शुरू कर दिया गया है. हॉस्टल में जाने व निकलने पर लॉग बुक में हस्ताक्षर करना अनिवार्य कर दिया गया है.जेयू प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि यदि नियम का पालन नहीं किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

जादवपुर यूनिवर्सिटी की एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक में रैगिंग को रोकने के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम का गठन किया गया. विश्वविद्यालय के दो किमी. के दायरे में यह टीम मौजूद रहेगी. कैंपस या हॉस्टल, कहीं भी कुछ अप्रिय घटना की खबर आती है, तो तुरंत यह टीम कार्रवाई करेगी. साथ ही सीसीटीवी कैमरा लगाने को लेकर भी बातचीत हुई. हालांकि इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया. बैठक में सभी विभाग के प्रमुख के साथ रजिस्ट्रार स्नेहमंजू बसु भी मौजूद रहीं.

बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक के लिये लॉग बुक शुरू

बांग्ला विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र की मौत को लेकर रैगिंग का ही मामला सामने आ रहा है. रैगिंग के खिलाफ राज्य भर में लोगों में गुस्सा है. हॉस्टल में कोई बाहरी प्रवेश नहीं कर सके, इसे लेकर लॉग बुक शुरू कर दिया गया है. हॉस्टल में जाने व निकलने पर लॉग बुक में हस्ताक्षर करना अनिवार्य कर दिया गया है. जेयू प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि यदि नियम का पालन नहीं किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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पूर्व छात्रों को हॉस्टल छोड़ने का दिया गया निर्देश

पूर्व छात्रों को पहले ही हॉस्टल छोड़ने का निर्देश दिया गया था. लॉग बुक में कई छात्र हस्ताक्षर कर रहे हैं, तो कई नहीं भी कर रहे हैं. इसे लेकर अंतरिम कुलपति बुद्धदेव साउ ने कहा कि फिलहाल कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जा रहा है. लेकिन सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मेरे बारे में लोग सवाल उठा रहे हैं, यह उचित नहीं है. गैर एकेडमिक लोग ही इस तरह की बातें कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार को हुई एक बैठक में जल्द छात्र संसद चुनाव कराने को लेकर बातचीत की गयी. इसे लेकर राज्य सरकार को पत्र भेजा जायेगा.

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जेयू के हॉस्टल में कैसे व कहां से गिरा स्वप्नदीप, पुतला लेकर फोरेंसिक की टीम ने किया रीकंस्ट्रक्शन

जेयू में नौ अगस्त की रात को यूनिवर्सिटी में बांग्ला विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू हॉस्टल की बालकनी से कैसे गिरा ? वह किस जगह से गिरा ? इसका पता लगाने के लिए पूरे घटना को रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए फोरेंसिक विभाग की टीम विश्वविद्यालय के हॉस्टल में पहुंची थी. इस दौरान फोरेंसिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अलावा साउथ सबर्बन डिविजन की डिप्टी कमिश्नर विदिशा कलिका के अलावा लालबाजार के होमीसाइड एवं साइंटिफिक विंग के अधिकारी भी मौजूद थे. अधिकारियों ने हॉस्टल के तीसरे तल पर स्थित 68 नंबर कमरे से लेकर 104 नंबर कमरे तक एक पुतले को लेकर पूरे घटना का रिकंस्ट्रक्ट किया.

पुतले को  ए2 ब्लॉक ठीक उसी जगह से गिराया गया नीचे

जांचकर्ताओं के सूत्रों के अनुसार, पुतले को मुख्य छात्रावास के ए2 ब्लॉक की तीसरी मंजिल की बालकनी के ठीक उसी जगह से नीचे गिराया गया, जहां से स्वप्नदीप नीचे गिरा था. अधिकारी इसका पता लगा रहे हैं कि वह किसी कारणवश बालकनी से गिर गया या उसने खुद छलांग लगायी? या किसी ने उसे धक्का देकर गिरा दिया? इस घटना से जुड़ी इन तीन संभावनाओं का पता लगाने के लिए पुतले को फेंका गया था. जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिरकार क्या हुआ था.

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पूर्व और वर्तमान छात्रों समेत कुल 13 लोगों को किया गया गिरफ्तार

पुलिस ने इस घटना में शामिल होने के संदेह में अब तक यूनिवर्सिटी के पूर्व और वर्तमान छात्रों समेत कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार सभी आरोपी फिलहाल पुलिस हिरासत में है. पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार किये गये सभी लोग घटना से जुड़े हैं. हालांकि, अदालत में जाते समय गिरफ्तार छात्र ने रविवार को पुलिस की कैदी वैन से संवाददाताओं से चिल्लाकर कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि हॉस्टल में कोई रैगिंग नहीं हुई,

जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रावास अधीक्षक का भी ‘पूरी रात हुआ था उत्पीड़न’ : डब्ल्यूबीएचआरसी

जादवपुर विश्वविद्यालय में कथित तौर पर रैगिंग और यौन उत्पीड़न के बाद एक छात्र की मौत के मामले को लेकर जारी विवाद के बीच, छात्रावास के अधीक्षक ने भी दावा किया है कि करीब दो साल पहले औचक निरीक्षण के दौरान छात्रावास में रहने वालों ने उनका भी ‘पूरी रात उत्पीड़न’ किया था. पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (डब्ल्यूबीएचआरसी) के सदस्य ने यह जानकारी दी. डब्ल्यूबीएचआरसी की टीम को छात्रावास अधीक्षक ने बताया कि उस रात की यातना की यादें आज भी उसके दिमाग में ताजा हैं और इसलिए वह नौ अगस्त की उस दुर्भाग्यपूर्ण रात को छात्रावास में कुछ ‘समस्या’ होने की सूचना मिलने के बाद भी वहां नहीं गये थे. भट्टाचार्य ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और कोलकाता पुलिस आयुक्त 24 अगस्त को अपनी रिपोर्ट डब्ल्यूबीएचआरसी को सौंपेंगे.

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छात्रावास परिसर में दाखिल नहीं होने के लिये लिखित में देने का निर्देश

टीम के सदस्य ने बताया कि छात्रावास अधीक्षक ने हमें बताया कि उन्हें लिखित में देने को कहा गया कि उन्हें छात्रों का मोबाइल फोन चोरी करते हुए पकड़ा गया है. उसके बाद से वह कभी छात्रावास परिसर में दाखिल नहीं हुए. यही कारण है कि वह नौ अगस्त की दुर्भाग्यपूर्ण रात को छात्रावास में नहीं गये. डब्ल्यूबीएचआरसी ने पाया कि छात्रावास को विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्रों और पूर्व छात्रों द्वारा संचालित किया जा रहे हैं. अपनी पढ़ाई पूरी करने और नौकरी पाने के बाद भी वे शायद ही कभी अपना कमरा खाली करते हैं. सदस्य ने कहा कि छात्रावास के मेस चलाने से लेकर नये छात्रों को कमरे आवंटित करने तक का काम वे ही करते थे. उन्होंने कहा कि छात्रावास के प्रवेश द्वारा पर कोई रजिस्टर नहीं रखा जाता है. विश्वविद्यालय में वरिष्ठ विद्यार्थियों द्वारा कथित रूप से रैगिंग और यौन उत्पीड़ के बाद प्रथम वर्ष के 17 वर्षीय छात्र की छात्रावास की बालकनी से गिरने से मौत हो गयी थी. छात्र की मौत के सिलसिले में अबतक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिनमें विश्वविद्यालय के मौजूदा और पूर्व विद्यार्थी शामिल हैं.

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रैगिंग रोकने के लिए विशेष योजना बनायें विश्वविद्यालय : हाइकोर्ट

कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्र की मौत के मामले में अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा कि रैगिंग की घटनाएं रोकने के लिए सभी यूनिवर्सिटी के प्रबंधन को विशेष प्लान होगा. इस मुद्दों पर छात्रों से बात करनी होगी. साथ ही खंडपीठ ने जादवपुर विश्वविद्यालय में आंदोलन के कारण आमलोगों को होने वाली परेशानी को रोकने के लिए पुलिस को कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया. जेयू में हो रहे प्रदर्शनों की वजह से विश्वविद्यालय में पैदा हुए गतिरोध पर दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया कि नये छात्रों को मुख्य छात्रावास में प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन पुराने छात्र इसके विरोध में भूख हड़ताल पर चले गये. वे इन नवागंतुकों के प्रवेश को रोक रहे हैं. साथ ही यहां राजनीतिक गतिविधियां चल रही हैं. जैसे-जैसे यह आंदोलन सड़कों पर आया है, लोगों को परेशानी हो रही है. इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस के पास कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पर्याप्त शक्ति है.

विश्वविद्यालय को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक योजना तैयार करनी चाहिए

पुलिस उन्हीं की तरह कार्रवाई करती है, अलग से निर्देश की जरूरत नहीं पड़ती. साथ ही मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि विश्वविद्यालय को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक योजना तैयार करनी चाहिए. खासकर नये लोगों के लिए एक योजना होनी चाहिए. अधिकारियों के पास शक्ति है, कानून है और इसके अनुसार ही योजना बनायी जानी चाहिए. इतनी सारी शिकायतें हैं, हम इस बारे में छात्रों की बात भी सुनेंगे. कोर्ट ने सभी मामलों का नोटिस तुरंत छात्र संघों को भेजने का निर्देश दिया. साथ ही यूनिवर्सिटी को अपने हॉस्टल, कैंपस से जुड़े सभी दस्तावेज और फैसले कोर्ट में जमा करने का भी निर्देश दिया गया. दो हफ्ते बाद मामले की फिर होगी सुनवाई. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी संगठन या संस्था बुरे दौर से गुजरता है. मेरा मानना है कि वह बुरा समय जल्दी ही बीत जायेगा.

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विशेष योजना बना उसकी जानकारी देनी होगी हाइकोर्ट को

राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्र नाथ मुखर्जी ने कहा कि कैंपस और हॉस्टल में घुसने से रोकने वाले आरोपियों की पहचान की जा रही है. वहां के माहौल को शांत करने के लिए कोर्ट जो आदेश देगा, उसका पालन किया जायेगा. वादियों की ओर से कल्याण बनर्जी ने कहा कि इतना विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि एक व्यक्ति की मौत हो गयी है. दो दिन बाद सब शांत हो जायेगा, सब भूल जायेंगे. छात्र की मौत के बाद भी विश्वविद्यालय या छात्रों की ओर से कोई एफआईआर दर्ज नहीं करायी गयी. मृतक के परिजन नदिया से आये और प्राथमिकी दर्ज करायी. हॉस्टल और कैंपस में सीसीटीवी लगाने पर रोक लगा दी गयी है. ऐसा आज से नहीं, काफी समय से होता आ रहा है. पुलिस को भी अंदर नहीं जाने दिया गया. यहां तक कि डीन, हॉस्टल सुपर, रजिस्ट्रार को भी अंदर नहीं जाने दिया गया. मामले की अगली सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय प्रबंधन को विशेष योजना बना उसकी जानकारी हाइकोर्ट को देनी होगी.

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