International Dance Day 2023: प्राचीन काल से नृत्य भारतीय समारोहों का हिस्सा रहा है. सांस्कृतिक आयोजन हो या फिल्में नृत्य हर जगह है. आपकी अगर नृत्य कला में रुचि है, तो आप इसे करियर का रूप दे सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस से ठीक पहले जानें कैसे इस क्षेत्र में भविष्य का निर्माण कर सकते हैं…
नृत्य भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है. देश के कई हिस्सों की एक खास नृत्य विधा देखी जा सकती है. भारत में उदय शंकर, मृणालिनी साराभाई, केलुचरण महापात्र, सितारा देवी, गुरु विपिन सिंह, प्रतिमा गौरी बेदी जैसी नृत्य की अनेक प्रसिद्ध शख्सियत रही हैं, जिन्होंने भारतीय नृत्य विधाओं को दुनिया में पहचान दिलायी. शास्त्रीय से लेकर लोक नृत्य तक भारत की कई विधाएं लोकप्रिय हैं. बॉलीवुड डांस, हिप हॉप, बैले जैसी आधुनिक विधाएं भी खासी लोकप्रियता हासिल कर चुकी हैं. आपकी अगर नृत्य यानी डांस में रुचि है, तो इसे करियर का रूप दे सकते हैं.
नृत्य की कई विधाएं हैं, आप अपनी रुचि के अनुसार विधा चुन उसमें महारत हासिल कर सकते हैं. इसे अगर परिभाषित तौर पर देखें, तो नृत्य के दो मुख्य भाग शास्त्रीय और लोक रूप हैं. कुछ विशिष्ट नृत्य विधाएं प्राचीन नृत्य अनुशासन पर आधारित हैं. मंच पर देखी जाने वाली नृत्य की सबसे लोकप्रिय शास्त्रीय शैलियों में तमिलनाडु का भरतनाट्यम, उड़ीसा का ओडिसी, केरल का कथकली, आंध्र प्रदेश का कुचिपुड़ी, लखनऊ का कथक और मणिपुर का मणिपुरी डांस है. नृत्य के कई अन्य रूप हैं, जो अर्ध-शास्त्रीय, लोक, नाटक और मार्शल आर्ट की श्रेणी में आते हैं.
आपमें अगर नृत्य प्रतिभा है, तो किसी दक्ष गुरु से प्रशिक्षण और मार्गदर्शन आपको एक दिशा दे सकता है. नृत्य का प्रशिक्षण आमतौर पर छह वर्ष की आयु या स्कूल शिक्षा के दौरान शुरू कर देना चाहिए. डांस में सर्टिफिकेट कोर्स एक साल का, बैचलर कोर्स तीन साल का और डिप्लोमा एवं पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कोर्स 2 साल के होते हैं. इस कला में आगे बढ़ने के लिए कुछ व्यक्तिगत विशेषताओं का होना भी जरूरी है, जैसे बहुमुखी प्रतिभा कौशल, रचनात्मकता, लालित्य, ताल की समझ आदि.
बतौर डांसर एक बार जब आप स्थापित हो जाते हैं, तो प्रसिद्धी और नाम हासिल करते हैं. लेकिन यह 9 से 5 की जॉब नहीं है, इसमें अभ्यास के घंटे और काम का शेड्यूल लंबा होता है. कई बार यह प्रक्रिया बेहद थकानेवाली भी होती है. आपको मानसिक तौर पर इसके लिए तैयार रहना होगा. इस करियर में अपना नाम स्थापित करने और अच्छी आय हासिल करने में समय लगता है.
अकादमियों, कला केंद्रों, नृत्य मंडलों में बड़ी संख्या में डांसर नियुक्त किये जाते हैं.नाट्य कलाकारों को पेशेवर नाट्य और ओपेरा कंपनियों, टीवी व फिल्म स्टूडियो, फिल्म प्रभाग, गीत और नाटक प्रभाग और कई अन्य संस्थानों द्वारा अवसर प्रदान किये जाते हैं. आप निजी कक्षाएं या नृत्य प्रशिक्षण संस्थान शुरू करने के रूप में स्वरोजगार अपना सकते हैं.
नृत्य में प्रशिक्षण हासिल करने के साथ आप बतौर कलाकार अपनी नृत्य प्रस्तुति देने की शुरुआत कर सकते हैं. धीरे-धीरे अपनी कला एवं अभ्यास के जरिये एक परफार्मिंग आर्टिस्ट के तौर पर खुद को स्थापित कर सकते हैं. आप अपना एक डांस परफॉर्मेंस ग्रुप बना सकते हैं.
नृत्य कला में पारंगत होने के बाद बतौर कोरियोग्राफर काम कर सकते हैं. फिल्मों में कोरियोग्राफी एक लोकप्रिय करियर है. कोरियोग्राफर फिल्मों में, स्टेज पर, टेलीविजन और म्यूजिक वीडियो के लिए काम करते हैं और मनोरंजन जगत में उनके लिए भविष्य की बेहतरीन संभावनाएं मौजूद हैं.
आप अगर एक डांस टीचर के तौर पर करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको योग्यता के साथ धैर्य की जरूरत होगी. एक नृत्य शिक्षक को नृत्य के व्यावहारिक और सैद्धांतिक पहलुओं का गहन ज्ञान होना चाहिए. डांस टीचिंग को पेशे के रूप में अपनाने वाले डांस स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, नृत्य संस्थानों में नौकरी पा सकते हैं.
अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संस्थान की नृत्य समिति ने पूरे विश्व में नृत्य कलाकारों की अद्भुत विविधता और प्रतिभा को उजागर करने के लिए 1982 में 29 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की. यह संस्थान यूनेस्को कला प्रदर्शन का सहयोगी था. इसके लिए 29 अप्रैल को चुना गया, क्योंकि इस दिन आधुनिक बैले निर्माता जीन जोर्जेस नोवेर का जन्मदिन होता है.
कथक केंद्र, नयी दिल्ली
नाट्य इंस्टीट्यूट ऑफ कथक एंड कोरियोग्राफी, बेंगलुरु.
http://natyamaya.in/new/index.php
गंधर्व महाविद्यालय, नयी दिल्ली
https://gandharvamahavidyalayanewdelhi.org/
कदम्ब सेंटर फॉर डांस, अहमदाबाद
भारतीय संगीत एंड नर्तन शिक्षापीठ, भारतीय विद्या भवन
https://www.bhavans.info/head-office/sangeet-nartan-shikshapeeth.php