Indian Navy Day 2023: वर्ष 1971 के युद्ध में कराची से बंगाल की खाड़ी तक ऑपरेशन त्रिशूल में भारतीय नौसेना की शानदार भूमिका को याद करते हुए 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है. भारतीय नौसेना भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग और एक बहुआयामी बल है, जिसका गठन भारत के समुद्री हितों की रक्षा के लिए किया गया है. आज भारतीय नौसेना दुनिया की दस ताकतवर नेवी में सातवें स्थान पर है और युवाओं को करियर बनाने के बेहतरीन मौके देती है. जानें, नौसेना में कैसे हासिल कर सकते हैं जॉब …
भारतीय नौसेना भारतीय महिला एवं पुरुष अभ्यर्थियों को करियर बनाने का मौका देती है. आप अगर नौसेना में बतौर ऑफिसर करियर बनाना चाहते हैं, तो इसके दो तरीके हैं, पहला यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) के तहत एंट्री, जिसमें एनडीए/ एनए एग्जाम एवं सीडीएस एग्जाम कराये जाते हैं. दूसरा, नौसेना की ओर से आयोजित इंडियन नेवी एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से आप नौसेना ऑफिसर बन सकते हैं.
नेशनल डिफेंस एकेडमी ज्वाइन करने के लिए यूपीएससी की ओर से साल में दो बार एनडीए/एनए एग्जाम लिया जाता है. अगर आपकी आयु साढ़े 16 से साढ़े 19 साल के बीच है और आप फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ बारहवीं पास हैं, तो इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. लिखित परीक्षा में मैथ्स एवं जनरल एबिलिटी टेस्ट होता है. इसे पास करने वाले अभ्यर्थियों को सर्विस सेलेक्शन बोर्ड इंटरव्यू यानी एसएसबी देना होता है, फिर अभ्यर्थी का मेडिकल टेस्ट होता है. इसके बाद यूपीएससी ऑल इंडिया मेरिट जारी करता है और विज्ञापित पदों के आधार पर एनडीए नेवल विंग के लिए नियुक्ति पत्र जारी किये जाते हैं. इस परीक्षा में पुरुष अभ्यर्थियों के साथ ही महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं.
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यूपीएससी की ओर से अखिल भारतीय स्तर पर वर्ष में दो बार कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) एग्जामिनेशन का आयोजन किया जाता है. इस परीक्षा के माध्यम से नौसेना समेत थल सेना एवं वायु सेना में नियुक्ति की जाती है. सीडीएस परीक्षा में सफलता के बाद केरल के कन्नूर जिले के एझिमाला में स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में प्रशिक्षित अभ्यर्थी नौसेना में बतौर ऑफिसर करियर शुरू करते हैं. सीडीएस के माध्यम से भारतीय नौसेना अकादमी में प्रशिक्षण के लिए इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट होना आवश्यक है. सीडीएस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को वरीयता के आधार पर एसएसबी साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है. अंतिम रूप से चुने गये अभ्यर्थी प्रशिक्षण में शामिल होते हैं.
इस टेस्ट के माध्यम से आप ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद नौसेना ज्वाइन कर सकते हैं. भारतीय नौसेना एक टेक्नोलॉजी ड्रिवन फोर्स है, इसलिए इसके अधिकतर ब्रांच या कैडर को ज्वाइन करने के लिए शैक्षणिक योग्यता बीई या बीटेक है. ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन में कौन सी स्ट्रीम वाले अभ्यर्थी किस ब्रांच में आवेदन कर सकते हैं, इसकी विस्तृत जानकारी एंट्री के नोटिफिकेशन में दी जाती है और नौसेना की रिक्रूटमेंट वेबसाइट joinindiannavy.gov.in में अपडेट की जाती है. नॉन यूपीएससी एंट्री के भारतीय नौसेना ऑनलाइन परीक्षा, जैसे इंडियन नेवी एंट्रेंस टेस्ट कराया जाता है. शॉर्टलिस्ट अभ्यर्थियों को एसएसबी के लिए बुलाया जाता है और पास होनेवाले अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट देना होता है. चयन की अंतिम प्रक्रिया है मेरिट लिस्ट, जिसके आधार पर हर ब्रांच में उपलब्ध पदों के अनुसार अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग लेटर जारी किये जाते हैं. चयनित अभ्यर्थी सब लेफ्टिनेंट के तौर पर भारतीय नौसेना बतौर ट्रेनी ज्वाइन करते हैं. इनकी ट्रेनिंग इंडियन नेवी अकादमी केरल में होती है.
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अग्निपथ योजना के तहत पुरुष एवं महिला अभ्यर्थी नौसेना में अग्निवीर (एसएसआर) और अग्निवीर (एमआर) की भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं. इन पदों के लिए दसवीं एवं बारहवीं पास होना जरूरी है. विस्तार से जानने के लिए भारतीय नौसेना की आधिकारिक रिक्रूटमेंट वेबसाइट https://www.joinindiannavy.gov.in/ देखें. इस वेबसाइट पर नौसेना द्वारा विभिन्न पदों पर की जानेवाली भर्ती की अधिसूचना जारी होती है.
भारतीय नौसेना ने 1992 में महिलाओं की एंट्री ऑफिसर रैंक पर शुरू की. ये महिला अधिकारी एजुकेशन, लॉजिस्टिक्स, एजुकेशन, लॉ, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, नेवल कंस्ट्रक्टर, पायलट आदि ब्रांच या कैडर में अपनी सेवाएं दे रही हैं. अब अग्निपथ स्कीम में महिलाएं सेलर या नाविक के पद पर भी ज्वाइन कर सकती हैं. विस्तार से जानने के लिए इंडियन नेवी की वेबसाइट में करियर सेक्शन देखें.
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