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‘चिंगारी का खेल बुरा होता है’, बंगाल हिंसा को लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना

बंगाल हिंसा को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. साथ ही सभी विपक्षी दलों से यह सवाल किया कि क्या विपक्षी दलों को पश्चिम बंगाल के लोकतंत्र में कोई समस्या नजर नहीं आ रही?

West Bengal Violence: बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही लगातार हिंसा जारी है. इस चुनावी हिंसा को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नई दिल्ली स्थित पार्टी के मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस दौरान उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. साथ ही सभी विपक्षी दलों से यह सवाल किया कि क्या विपक्षी दलों को पश्चिम बंगाल के लोकतंत्र में कोई समस्या नजर नहीं आ रही.

डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में जिस प्रकार के दृश्य दिखाई दे रहे हैं, हिंसा का जो तांडव दिखाई पड़ रहा है, यह कष्टकारक है. इससे भी अधिक दुखद है, वहां की सरकार की असंवेदनशीलता. हमारे कार्यकर्ताओं पर प्राणघातक हमले हुए हैं. इस दौरान उन्होंने दक्षिण 24 परगना जिले में हुई हिंसा का भी जिक्र किया.

‘बंगाल हिंसा, चुनावी इतिहास में एक काला अध्याय’

डॉ त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार और पुलिस जिस प्रकार से बर्ताव कर रही है वो भारत के लोकतांत्रिक और चुनावी इतिहास में एक बहुत ही काला अध्याय है. उन्होंने कहा कि बंगाल में 341 ब्लॉक हैं. आखिरी दिन यहां, 4 घंटे के अंदर 40 हजार से अधिक लोगों ने नामांकन किया है, वो भी 340 ब्लॉक में, यानी एक व्यक्ति के नामांकन का समय औसतन 2 मिनट आता है. इस गति से हुए नामांकन दर्शाते हैं कि स्थानीय सरकार किस तरह से व्यवस्था को अपने हाथ में लिए हुए है. क्या यह लोकतंत्र का उपहास नहीं है?

‘चिंगारी का खेल बुरा होता है’

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा “मैं टीएमसी को यह कहना चाहता हूं कि यह हिंसा का जो खेल आप खेल रहे हैं, ऐसा ही कम्युनिस्ट सरकार करती थी. आज आप उनका हाल देख लीजिए. अटल जी की लिखी पंक्तियां हैं कि- चिंगारी का खेल बुरा होता है, औरों के घर में आग लगाने का सपना..अपने घर में ही अक्सर खरा होता है.”

सभी विपक्षी दलों से सवाल?

डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा “मैं समस्त विपक्षी दलों से पूछना चाहता हूं- लोकतंत्र का हिंसा से घायल स्वरूप आज जो पश्चिम बंगाल में दिख रहा है, जो मां, माटी, मानुस की बात करती थीं, आज वह भारत मां के विरुद्ध शक्तियां खड़ी हो रही हैं, माटी खून से सनी है और मनुष्यता पूरी तरह से व्यथित और कलंकित नजर आ रही है… उसको देख कर भी, किसी विपक्षी दल को कोई समस्या नजर नहीं आ रही है?”

‘ममता बनर्जी की सरकार दमनकारी सरकार’

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में जिस तरह के नजारे देखने को मिल रहे हैं वो बेहद दर्दनाक हैं. यहां चारों ओर हिंसा है. इससे भी ज्यादा निराशाजनक वहां की सरकार की संवेदनहीनता है. डॉ त्रिवेदी ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार दमनकारी सरकार है. एक समय था उन्होंने कम्युनिस्टों का दमन झेला था, तब बीजेपी ने ही उनकी मदद की थी और अब वह खुह कम्युनिस्टों की राह पर चल रही हैं.

‘लोकतंत्र फल-फूल रहा है या लुप्त हो रहा है?’

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र लगभग समाप्त हो गया है, मैं उनसे एक स्पष्ट प्रश्न पूछना चाहता हूं. मेरा सवाल है कि पश्चिम बंगाल में जिस स्तर की हिंसा देखी जा रही है, वह क्या दर्शाती है? वह लोकतंत्र फल-फूल रहा है या लुप्त हो रहा है?

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