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कोरोना से डुआर्स पर्यटन उद्योग को फिर झटका, पर्यटकों का आना बंद

Bengal News In Hindi: फिलहाल अलीपुरदुआर जिला स्थित जल्दापाड़ा, राजाभातखावा, जयंती, चिलापाता, बाक्सा सहित विभिन्न पर्यटन केंद्रों में पर्यटकों की संख्या शून्य हो गयी है. महीने भर पहले की गयी सभी बुकिंग रद्द कर दी गयी हैं. कई जगहों पर विगत दो सप्ताह से जंगल सफारी भी बंद है. गाइड, जिप्सी चालक से लेकर हर कोई पर्यटकों के इंतजार में बैठा है.

अजय साह: कोरोना ने डुआर्स के पर्यटन उद्योग को पूरी तरह झकझोर कर रख दिया है. प्रतिदिन पर्यटकों की बुकिंग रद्द हो रही है. पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग सिर पर हाथ रख कर बैठ गये हैं. परिस्थिति इतनी भयावह हो गयी है कि पर्यटन कारोबारी पशुपालन करने की सोचने लगे हैं. फिलहाल अलीपुरदुआर जिला स्थित जल्दापाड़ा, राजाभातखावा, जयंती, चिलापाता, बाक्सा सहित विभिन्न पर्यटन केंद्रों में पर्यटकों की संख्या शून्य हो गयी है. महीने भर पहले की गयी सभी बुकिंग रद्द कर दी गयी हैं. कई जगहों पर विगत दो सप्ताह से जंगल सफारी भी बंद है. गाइड, जिप्सी चालक से लेकर हर कोई पर्यटकों के इंतजार में बैठा है.

मगर पर्यटकों के आगमन पर रोक लगने से पर्यटन कारोबार से जुड़े लॉज, होमस्टे मालिक, जिप्सी चालक, गाइड सहित हर किसी के चेहरे पर मायूसी छा गयी है. चुनाव के कारण डुआर्स के विभिन्न पर्यटन केंद्रों में पर्यटकों की संख्या कम हो गयी थी. चुनाव के समाप्त होते ही पर्यटकों का आना फिर से शुरू हुआ था. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण पर्यटक ने अपना मन बदल लिया और बुकिंग रद्द कर दी. दरअसल प्रत्येक वर्ष अप्रैल और मई महीने से डुआर्स में पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती है.

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जिसका कारण यही है कि बाद में जानवरों के प्रजनन को लेकर जंगलों को 3 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है. और इस बार कोरोना की दूसरी लहर ने पर्यटन कारोबारियों को गंभीर संकट में डाल दिया है. अपने कर्मचारियों को वेतन कहां से देंगे इसको लेकर पर्यटन कारोबारी चिंता में डूब गये हैं. इस विषय पर अलीपुरदुआर के राजाभातखावा क्षेत्र के एक पर्यटन व्यवसायी लाल सिंह भुजेल ने बताया कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर में हमें काफी नुकसान झेलना पड़ा. दूसरी लहर को देखकर ऐसा लग रहा है कि अब हमें लॉज, होमस्टे सब कुछ बेच कर मवेशी और भैंस खरीदना पड़ेगा. सभी बुकिंग रद्द कर दी गयी हैं. कहीं से पर्यटक नहीं आ रहे हैं.

लॉकडाउन के हम कर्ज में डूब गये थे, जिसे अब तक चुका नहीं पाये हैं. इस बार लॉकडाउन हुआ तो हमारे पास कुछ नहीं बचेगा. राजाभातखावा इलाके के एक जिप्सी चालक केशव शर्मा ने बताया कि हमारे यहां पर्यटकों का आगमन शून्य हो गया है. उन्होंने कहा हमारे यहां अधिक मात्रा में पर्यटक विशेषकर कोलकाता क्षेत्र से आते हैं. मगर वर्तमान हालात में एक भी पर्यटक यहां नहीं आ रहे हैं और हमारा जंगल सफारी से लेकर सब कुछ बंद पड़ गया। जिसके वजह से हमारी हालात सबसे बदतर हो चुकी है. एक पर्यटन कारोबारी व चिलापाता इको टूरिज्म सोसाइटी के कन्वेनर अभिक गुप्ता ने बताया कि कोरोना के वर्तमान हालात के चलते फिर से पूरे उत्तर बंगाल का पर्यटन उद्योग एक गंभीर संकट में पड़ गया है.

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Posted By: Aditi Singh

Prabhat Khabar Digital Desk
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