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IIT ISM धनबाद के 6 छात्र पीएचडी छात्र विदेश में करेंगे रिसर्च, जानें कौन है ये छात्र

IIT ISM Dhanbad: चयनित छात्रों में अर्पणा सिंह, ख्वाजा आलमगीर अहमद, शत्रुघ्न ठाकुर, सपन कुमार पंडित, अभिषेक और प्रीति कुमारी शामिल हैं. सीडीपी का लक्ष्य दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक माहौल और अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करना है.

IIT ISM Dhanbad: आईआईटी आईएसएम धनबाद के छह पीएचडी रिसर्चर को कर्टिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में अध्ययन और शोध करने का अवसर मिला है. डीन आईआरएए प्रो. आरएम भट्टाचार्य ने कहा कि सीडीपी (कोलैबोरेटिव डॉक्टोरल प्रोग्राम) के लिए कर्टिन यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया और आईआईटी धनबाद के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है. पीएचडी डिग्री दोनों संस्थानों/विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जाएगी. चयनित छात्रों में अर्पणा सिंह, ख्वाजा आलमगीर अहमद, शत्रुघ्न ठाकुर, सपन कुमार पंडित, अभिषेक और प्रीति कुमारी शामिल हैं. सीडीपी का लक्ष्य दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक माहौल और अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत करना है. सीडीपी करने वाले छात्रों को एकल संयुक्त डिग्री से सम्मानित किया जाएगा. जिसमें गृह संस्थान और मेजबान विश्वविद्यालय दोनों का लोगो होगा.

आईआईटी धनबाद की टीम को पहला और तीसरा स्थान

आईआईटी आईएसएम की दो टीमें ओपन डे लेबोरेटरी विजिट प्रतियोगिता की विजेता बनीं. सिंफर में आयोजित प्रतियोगिता में बीटेक अंतिम वर्ष के छात्रों की टीम में शामिल संटू कुमार माइनिंग इंजीनियरिंग और ऐनम अय्यूब ने इलेक्ट्रॉनिक बोरहोल कंपास का मॉडल बनाकर प्रतियोगिता जीती. वहीं, अद्वय सिंह और ओम शांडिल्य ने 360 डिग्री माइन सिम्युलेटर प्रोटोटाइप बनाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया. यह वर्चुअल रियलिटी टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इसका उद्देश्य एक इंटरैक्टिव कृत्रिम खनन वातावरण बनाना है. यह खान सुरक्षा प्रशिक्षण में उपयोग के साथ वास्तविक जीवन की खनन स्थितियों का अनुभव प्रदान करता है.

आईआईटी धनबाद के बारे में-

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद भारत के धनबाद में स्थित एक सार्वजनिक तकनीकी विश्वविद्यालय है. यह राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है जिसे भारत के शीर्ष 50 इंजीनियरिंग संस्थानों में स्थान दिया गया है.

1926 हुई थी आईआईटी धनबाद संस्थान की स्थापना

  • संस्थान की स्थापना 1926 में इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स के रूप में की गई थी, और 2008 में इसे आईआईटी में परिवर्तित कर दिया गया था. यह तीसरा सबसे पुराना संस्थान है (आईआईटी रूड़की और आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के बाद) जो आईआईटी में परिवर्तित हो गया.

  • आईआईटी (आईएसएम) धनबाद इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रबंधन में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है. यह संस्थान खनन इंजीनियरिंग, धातुकर्म और सामग्री विज्ञान में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है.

  • 2023 राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद को इंजीनियरिंग केटेगरी में 17वां और समग्र श्रेणी में 42वां स्थान दिया गया था.

  • यह संस्थान भारत के खनिज समृद्ध क्षेत्र, धनबाद शहर में स्थित है. यह 393 एकड़ के विशाल परिसर वाला एक आवासीय संस्थान है.

  • आईआईटी (आईएसएम) धनबाद भारत में उच्च शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है. यह इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में विश्व स्तरीय शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.

यहां आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के बारे में कुछ मुख्य विवरण दिए गए हैं:

  • स्थान: धनबाद, झारखंड, भारत

  • प्रकार: सार्वजनिक तकनीकी विश्वविद्यालय

  • स्थापित: 1926

  • रैंकिंग: इंजीनियरिंग में 17वीं (एनआईआरएफ 2023), कुल मिलाकर 42वीं (एनआईआरएफ 2023)

  • प्रस्तावित कार्यक्रम: इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रबंधन में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रम

  • उल्लेखनीय पूर्व छात्र: ए.के. गांगुली, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश; एक, सिन्हा, बिहार के पूर्व राज्यपाल; बी.आर. अम्बेडकर, भारतीय संविधान के वास्तुकार; और एम.के. गांधी, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता.

आईआईटी (आईएसएम) धनबाद एक समृद्ध इतिहास और परंपरा वाला एक प्रतिष्ठित संस्थान है. यह उन छात्रों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो इंजीनियरिंग, विज्ञान या प्रबंधन के क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण और पुरस्कृत शिक्षा की तलाश में हैं.

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