Microsoft के CEO सत्य नडेला ने कंपनी के बिजनेस मॉडल में ऐतिहासिक बदलाव का इशारा किया है. आने वाले समय में कंपनी अपनी सेवाओं की कीमत इंसानी यूजर्स नहीं, बल्कि AI Agents के आधार पर तय करेगी. यानी काम करेगा एजेंट और बिल बनेगा एजेंट के हिसाब से.
Microsoft का नया फॉर्मूला: यूजर नहीं, AI एजेंट होगा असली कस्टमर
नडेला ने एक पॉडकास्ट बातचीत में बताया कि Microsoft अब खुद को सिर्फ एंड यूजर टूल्स बनाने वाली कंपनी नहीं, बल्कि ऐसे AI Agent Infrastructure प्लैटफॉर्म में बदल रहा है, जो अपने आप काम और फैसले कर सके. Microsoft 365 जैसे टूल्स अब वह जगह बनेंगे जहां ये एजेंट तैनात होंगे.
क्यों जरूरी है Per Agent प्राइसिंग?
नडेला के अनुसार, हर AI एजेंट को अलग कंप्यूट पावर, सिक्योरिटी लेयर, आइडेंटिटी सिस्टम और मॉनिटरिंग की जरूरत होती है. इसी कारण आने वाले समय में एजेंट की संख्या यूजर्स से ज्यादा तेजी से बढ़ेगी और यही बनेगा Microsoft का नया रेवेन्यू इंजन.
Copilot से शुरू हुई राह, अब पूरी तरह यूजेज बेस्ड मॉडल
Microsoft पहले ही पे-ऐज-यू-गो मॉडल लॉन्च कर चुका है, जिसमें कंपनियां लॉगिन या सीट के बजाय एजेंट के काम के हिसाब से भुगतान करती हैं.
Google और Anthropic भी यूजेज बिलिंग अपनाते हैं, लेकिन Microsoft इसे अब AI-युग का मुख्य सॉफ्टवेयर इकोनॉमीज मान रहा है.
Excel Agent: एनालिस्ट की तरह काम करने वाला डिजिटल प्रोफेशनल
नडेला ने बताया कि Excel में आने वाला एजेंट सिर्फ ऑटोमेशन नहीं, बल्कि एक प्रोफेशनल एनालिस्ट की तरह व्यवहार करेगा. मार्कडाउन-आधारित ट्रेनिंग से यह फॉर्मूलाज समझेगा, एरर्स ठीक करेगा और डेटा इनसाइट्स निकालेगा. जरूरत पड़ने पर Microsoft इन एजेंट्स के लिए सबसे सस्ते या बेहतर मॉडल पर भी शिफ्ट कर सकेगा.
भविष्य का प्रोडक्टिविटी एरा: इंसान और AI एजेंट्स का साथ
नडेला का मानना है कि आने वाले वर्षों में हर कंपनी में इंसानी कर्मचारी जितने जरूरी होंगे, उतने ही जरूरी ये AI एजेंट्स भी होंगे. इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिक्योरिटी और कंप्यूट की मांग लगातार बढ़ती रहेगी, भले ही ह्यूमन वर्कर्स की संख्या वहीं रहे.
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