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70 Hours Work A Week: सुधा मूर्ति ने बताया- सप्ताह में कितने घंटे काम करते हैं नारायण मूर्ति

70 Hours Work A Week : इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने हाल ही में देश की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात कही है. इस पर अब नारायण मूर्ति की पत्नी और इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति ने अपने पति के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.

70 Hours Work A Week : इंफोसिस (Infosys) के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) ने हाल ही में देश की प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की बात कही है. इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ चुकी है. कोई नारायण मूर्ति की बात का समर्थन करता दिख रहा है, तो कोई इसका विरोध कर रहा है. अब नारायण मूर्ति की पत्नी और इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति ने सप्ताह में 70 घंटे काम करने की अपने पति के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.

‘उन्होंने जो महसूस किया, वह कह दिया’

सुधा मूर्ति ने न्यूज18 के साथ बातचीत में बताया है कि नारायण मूर्ति सप्ताह में 80-90 घंटे तक काम कर चुके हैं. यही वजह है कि उन्हें पता नहीं है कि इससे कम क्या होता है. सुधा मूर्ति ने कहा कि नारायण मूर्ति कड़ी मेहनत में यकीन रखते हैं और उन्होंने इसी तरह जीवन जीया है. ऐसे में उन्होंने जो महसूस किया, वह कह दिया. बता दें कि नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति पिछले लगभग 45 वर्षों से पति-पत्नी हैं. सुधा मूर्ति एक बिजनेस वुमन होने के अलावा, लेखिका, एजुकेटर और फिलान्थ्रोपिस्ट हैं.

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कॉरपोरेट्स में काम के हालात पर बात

14वें टाटा लिटरेचर फेस्टिवल में बीते रविवार को सुधा मूर्ति का नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में एक टॉक सेशन चला था. इसमें उनसे नारायण मूर्ति के ताजा बयान पर चल रही बहस को लेकर उनकी राय के बारे में पूछा गया था. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने नारायण मूर्ति को आज के समय में कॉरपोरेट्स में काम के हालात के बारे में बताने की कोशिश की, सुधा मूर्ति ने कहा कि लोगों के अभिव्यक्ति के तरीके अलग-अलग होते हैं. लेकिन वह यानी नारायण मूर्ति ऐसे ही जीये हैं और उन्होंने जो कहा, वे वैसे ही करते रहे हैं. उन्होंने केवल अपना अनुभव साझा किया है.

नारायण मूर्ति ने कब और क्यों कहा था ऐसा?

इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई के साथ ‘3वन4’ कैपिटल के पॉडकास्ट ‘द रिकॉर्ड’ के उद्घाटन एपिसोड में बातचीत के दौरान नारायण मूर्ति ने कहा कि युवाओं को दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अतिरिक्त घंटे काम करना चाहिए. उन्होंने भारत की तुलना चीन, जर्मनी और जापान से करते हुए कहा था कि वर्क प्रोडक्टिविटी के मामले में भारत, दुनिया के सबसे कम वर्क प्रोडक्टिव देशों में से एक है. जब तक हम अपनी प्रोडक्टिविटी में सुधार नहीं करते, तब तक हम उन देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे, जो प्रगति के मामले में हमसे बहुत आगे हैं.

Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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