उद्योग निकाय आईईएमसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को दिए जाने वाले प्रोत्साहन जारी रखने चाहिए. उद्योग निकाय ने आगाह किया कि छूट वापस लेने से ईवी की अनुमानित बिक्री 2030 तक घटकर 3.7 करोड़ इकाई रह जाएगी, जिसके फिलहाल 12.5 करोड़ इकाई रहने का अनुमान है.
प्रोत्साहन बंद होने पर भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री घटी
इंडिया इलेक्ट्रिक मोबिलिटी काउंसिल (आईईएमसी) ने इंडिया एनर्जी स्टोरेज अलायंस (आईईएसए) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रोत्साहन बंद होने पर भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री 2030 तक घटकर 3.7 करोड़ इकाई रह जाएगी. दूसरी ओर प्रोत्साहन जारी रहने पर यह आंकड़ा बढ़कर 12.5 करोड़ इकाई तक पहुंच सकता है.
केंद्र सरकार ने 2015 में फेम योजना शुरू की थी
केंद्र सरकार ने 2015 में फेम (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना और विनिर्माण) योजना शुरू की थी. इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं को सब्सिडी दी जाती है और इसका लाभ खरीदारों तक पहुंचता है. फेम योजना का दूसरा चरण 2019 में शुरू किया गया था. यह योजना देश में बैटरी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहन देती है. योजना अगले साल मार्च में खत्म हो रही है.
फ़ेम ने सब्सिडी 15,000 से घटाकर 10,000 किलोवाट घंटा किया
आईईएमसी ने बयान में कहा, ‘‘भारत में ईवी अपनाने में लगातार वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए 80 से अधिक ईवी कंपनियां नयी दिल्ली में एकत्रित हुईं और फेम दो योजना के बाद ईवी उद्योग में मांग और आपूर्ति को प्रभावित करने वाले कारकों पर पुनर्विचार का प्रस्ताव रखा.'' आईईएमसी ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर फेम दो के तहत सब्सिडी को 15,000 रुपये से घटाकर 10,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा करने पर भी चिंता जताई, उद्योग निकाय ने कहा कि इसके कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है.
जून में EVs की बिक्री 50 प्रतिशत घटी
मई में ईवी उद्योग ने 1,05,299 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बेचे थे, जबकि इसके बाद के महीने में केवल 46,003 दोपहिया वाहन बेचे गए. आईईएमसी के चेयरमैन राहुल वालावलकर ने कहा कि भारतीय ईवी बाजार की वृद्धि के लिए सभी मांग और आपूर्ति संबंधी कारकों पर समग्र विचार करने की जरूरत है. सब्सिडी या प्रोत्साहन के अलावा भी कई कदम उठाए जाने की जरूरत है.