सिलीगुड़ी : शहर में धूमधाम से सोमवार को गोवर्धन पूजा मनाया गया. दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा व अन्नकूट पर्व मनाने का पौराणिक रिवाज है. इसी के तहत सोमवार को अधिकांश घरों व मंदिरों में गोवर्धन पूजा व अन्नकूट पर्व मनाया गया. वहीं कई घरों व मंदिरों में यह पर्व मंगलवार को मनाया जायेगा.
ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन त्रेता युग में इंद्र भगवान के कोप से गोकुल धाम में लगातार सात दिनों तक मूसलाधार बारिश हुई और वृजवासियों को बाढ़ से बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली में उठाकर सबों की जान बचायी थी. जिसके बाद वृजवासियों ने भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत की पूजा-अर्चना की. साथ ही सात दिनों से भूखे-प्यासे वृजवासियों के लिए अन्न की व्यवस्था कर भोजन बनाया गया.
तभी से दीपावली के दूसरे दिन को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट पर्व के तौर पर मनाया जाता है. सोमवार को मारवाड़ी समाज के अधिकांश घरों में गोवर्धन पूजा व अन्नकूट परंपरागत तरीके से मनाया गया. मारवाड़ी समाज की विवाहित महिलाओं ने सुबह घरों के सामने गाय का गोबर लिप कर गोवर्धन पूजा की व कई तरह का व्यंजन बनाकर भगवान कृष्ण, इंद्र देवता व अन्य सभी देवी-देवताओं को भोग लगाकर अन्नकूट पर्व मनाया. मंगलवार को कई मारवाड़ी व बिहारी परिवार के घरों में गोवर्धन व अन्नकूट पर्व मनाया जायेगा.
इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा व अन्नकूट पर्व आज
शहर के इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा व अन्नकूट पर्व मंगलवार को मनाया जायेगा. मंदिर प्रबंधन कमेटी के प्रवक्ता नामकृष्ण दास ने बताया कि वैसे तो भगवान की पूजा-अर्चना सुबह से ही शुरू हो जायेगी. लेकिन गोवर्धन पूजा व अन्नकूट पर्व दिन के 11 बजे से पूरे विधि-विधान के साथ शुरू होगा. 11.30 भजन-कीर्तन व 12 बजे मंगल आरती की जायेगी. आरती व अन्य धार्मिक कार्यक्रम के बाद ही श्रद्धालुओं के बीच भोग वितरण किया जायेगा.