- भूमि सुधार कार्यालय में दलाल गिरोह सक्रिय
- जमीन के मालिकाना हक को लेकर सर्टिफिकेट बनाने में लोगों को हो रही परेशानी
- समस्या के समाधान के लिए माकपा पार्षदों ने बीएलआरओ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा
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लीगल एयर सर्टिफिकेट की आड़ में पैसा उगाही का चल रहा खेल
भूमि सुधार कार्यालय में दलाल गिरोह सक्रिय जमीन के मालिकाना हक को लेकर सर्टिफिकेट बनाने में लोगों को हो रही परेशानी समस्या के समाधान के लिए माकपा पार्षदों ने बीएलआरओ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा सिलीगुड़ी : नगर निगम अधीन इलाकों में जमीन के मालिकाना हक को लेकर खतियान के कंप्यूटराइजेशन का काम हो रहा […]
सिलीगुड़ी : नगर निगम अधीन इलाकों में जमीन के मालिकाना हक को लेकर खतियान के कंप्यूटराइजेशन का काम हो रहा है. इसके लिए स्थानीय वार्ड पार्षद के माध्यम से लीगल एयर सर्टिफिकेट दिया जा रहा है. माकपा पार्षदों का कहना है कि लीगल एयर सर्टिफिकेट की आड़ में पैसा कमाने के लिए भूमि सुधार कार्यालय में एक दलाल गिरोह सक्रिय है.
इस कारण कार्यालय में आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले को लेकर बुधवार को माकपा पार्षदों के एक प्रतिनिधि दल ने बुधवार को बीएलआरओ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन सौंपने के बाद माकपा पार्षद शंकर घोष ने पत्रकारों को बताया कि जमीन संबंधी मामले में वे लोगों से हलफनामा लेकर उन्हें लीगल एयर सर्टिफिकेट देते थे. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा निबंधन के पश्चात भूमि सुधार कार्यालय में जमा कराने के बाद उसमें आगे का काम होता था.
उनका आरोप है कि सिलीगुड़ी के भूमि सुधार कार्यालय के कुछ लोग एक ऑर्डर पास करके प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के पास निबंधन करवाने की बात कह रहे हैं. इसके अलावे लोगों को हलफनामा नहीं कराने को कहा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में जमीन को लेकर कोई झमेला होता है तो जमीन मालिक से जुड़े मामलों की संपूर्ण जिम्मेदारी वार्ड पार्षद पर की होगी. उन्होंने कहा कि एक वार्ड में हजारों होल्डिंग नंबर है. वार्ड पार्षदों के लिए सबके परिवार का इतिहास जानना संभव नहीं है. जिसके लिए उनके पास से हलफनामा लिया जाता है.
उन्होंने कहा कि जलपाईगुड़ी जिले में पुराने नियम के आधार पर काम हो रहा है. लेकिन सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्डों के लिए नये नियम बनाये गये हैं. इस मामले को लेकर उन्होंने भूमि सुधार विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी मनोज पंथ को अवगत कराया गया है.
दूसरी ओर मामले को लेकर बीएलआरओ रेंजी लामू शेर्पा ने बताया कि सिलीगुड़ी का जमीन रिकॉर्ड कंप्यूटराइज्ड नहीं है. इसके अलावे लीगल एयर सर्टिफिकेट मामले में वारिस को जमीन का मालिकाना हक दिलाने के लिए एमएलए, वार्ड पार्षद, एमपी से हलफनामा व माता-पिता के मृत्य प्रमाण पत्र तथा अन्य कई कागजात की आवश्यकता नहीं होती.
उनके पास आये ऑर्डर में कहीं भी हलफनामा कराने का उल्लेख नहीं है. उन्होंने भी माना कि ऐसे मामले में आने वाले दिनों में पार्षद को भी समस्या हो सकती है. उन्होंने कहा कि इस मामले में स्पष्टीकरण के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जायेगा.
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