बांकड़ा के प्राथमिक विद्यालय में छात्र पानी से जूझ रहे, निर्माणाधीन भवन में चल रही पढ़ाई
10 वर्षों से जलजमाव की समस्या
संवाददाता, हावड़ा.
लगातार बारिश का कहर भले ही थम गया हो, लेकिन हावड़ा जिले के शहरी और पंचायत क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या अब भी बनी हुई है. निश्चिंदा, बाली, लिलुआ और डोमजूर के कई हिस्सों में लोग पानी में फंसे हुए हैं. खासकर डोमजूर के बांकड़ा स्थित मुंशीडांगा शेखपाड़ा प्राथमिक विद्यालय में हालात बेहद चिंताजनक हैं, जहां बीते 15 दिनों से पानी जमा है और स्कूल पूरी तरह ठप पड़ा है.
जानकारी के अनुसार, यह समस्या कोई नयी नहीं है. पिछले 10 वर्षों से मानसून के दौरान स्कूल परिसर घुटने भर पानी में डूब जाता है. इसका असर छात्रों की उपस्थिति पर भी पड़ा है. पहले जहां छात्र संख्या 420 के करीब थी, अब घटकर मात्र 81 रह गयी है. स्कूल में मात्र चार शिक्षक कार्यरत हैं, जो बेहद सीमित संसाधनों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
निर्माणाधीन भवन में पढ़ाई, नहीं है बेंच-बोर्ड : स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने पास ही के एक निर्माणाधीन भवन में बच्चों को अस्थायी रूप से बैठाकर पढ़ाना शुरू किया है. लेकिन वहां न तो बैठने के लिए बेंच है और न ही ब्लैक बोर्ड की सुविधा. मिड-डे मील भी उसी भवन में बनाया और परोसा जा रहा है.
प्रधानाध्यापक पलटू दास का कहना है कि उन्होंने स्थानीय पंचायत, बीडीओ और जिला प्राथमिक शिक्षा परिषद को इस समस्या की लिखित सूचना दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. वे दो महीने से लगातार इस समस्या से जूझ रहे हैं.
इस बाबत पूछे जाने पर जिला प्राथमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा घोष ने कहा कि उन्हें इस समस्या की जानकारी स्कूल प्रशासन से नहीं, बल्कि मीडिया के माध्यम से मिली है. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही पंप की व्यवस्था कर पानी निकाला जायेगा और बच्चों की पढ़ाई फिर से स्कूल में शुरू होगी.
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