बनगांव. तृणमूल कांग्रेस सांसद ममता बाला ठाकुर ने शनिवार को धमकी दी कि यदि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में मतुआ समुदाय के किसी भी वोटर का नाम छूटा तो वह पांच नवंबर से अनिश्चितकालीन अनशन करेंगी. उन्होंने कहा कि वह उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की दिग्गज नेता स्वर्गीय वीणापाणि देवी के आवास के सामने अनशन पर बैठेंगी. शनिवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विभिन्न समुदायों के लोगों को इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. एसआइआर का उद्देश्य मतुआ और अन्य हाशिये पर पड़े समुदायों को खत्म करना और उनके मताधिकार को छीनना है. उन्होंने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में अपनी आगे की रणनीति की घोषणा करेंगी. उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव आयोग एसआइआर अभियान को लेकर मतुआ समुदाय के लोगों की इस आशंका को दूर नहीं कर देता है कि एसआइआर के नाम पर इस समुदाय के एक भी व्यक्ति को बाहर नहीं किया जायेगा, अनशन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि मतुआ समुदाय के सदस्य भारतीय नागरिक हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें आशंका है कि उत्तर 24 परगना, नदिया और अन्य जिलों में रहने वाले सैकड़ों मतुआ लोगों के नाम सूची से हटा दिये जायेंगे क्योंकि भाजपा बड़ी संख्या में समुदाय के सदस्यों को मतदान से वंचित करना चाहती है, जबकि वे सभी देश के वास्तविक नागरिक हैं. कोई और विकल्प न मिलने पर हमें आंदोलन के रास्ते पर वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ममता ठाकुर के दावों को ज्यादा महत्व देने से इनकार करते हुए उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी केंद्रीय मंत्री और रिश्तेदार शांतनु ठाकुर ने कहा कि ममता ठाकुर समुदाय में अलग-थलग पड़ गयी हैं और समुदाय के बीच उनकी पार्टी का समर्थन आधार तेजी से घट रहा है. शांतनु ठाकुर ने कहा कि मतुआ महासंघ के सदस्य हमारे साथ हैं, और सभी जानते हैं कि एसआइआर का लक्ष्य मतुआ नहीं है. उनकी नागरिकता की गारंटी है, और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं. उन्होंने दावा किया कि ममता बाला ठाकुर का आंदोलन असफल रहेगा और वह प्रचार के लिए ‘स्टंट’ का सहारा ले रही हैं.
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