केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में 910 करोड़ रुपये खर्च करने का रखा था प्रस्ताव पश्चिम बंगाल से मात्र 221 करोड़ के प्रस्ताव मिले 221 करोड़ में से 112 करोड़ जारी करने के बाद भी अब तक मात्र 58.51 करोड़ रुपये ही हुए खर्च कोलकाता. केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाइ) में सहयोग नहीं कर रही और ऐसे कारणों से विकसित भारत बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को पूरा करने में कठिनाई आ रही है. केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में प्रश्नकाल में पश्चिम बंगाल से भाजपा के सदस्य सौमित्र खां के पूरक प्रश्न के उत्तर में यह बात कही. सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने शुरू में 2020-21 और 2021-22 में इस योजना को स्वीकार ही नहीं किया और 2022-23 में इसे स्वीकार करने के बाद भी इसमें सहयोग नहीं किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत 910 करोड़ रुपये खर्च का लक्ष्य रखा था, लेकिन पश्चिम बंगाल से मात्र 221 करोड़ रुपये का प्रस्ताव प्राप्त हुआ. सिंह ने कहा कि आज तक आवंटित 221 करोड़ में से 114 करोड़ रुपये की राशि अब तक जारी की जा चुकी है, लेकिन इसमें से केवल 58.51 करोड़ खर्च किये गये हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने गत दो अगस्त स्वयं पश्चिम बंगाल में जाकर योजना की समीक्षा की थी तो बैठक में निम्न स्तर के अधिकारी मौजूद थे, जिन्हें कोई जानकारी नहीं थी. सिंह ने कहा कि जब मैंने पता किया तो बाद में जानकारी मिली कि (राज्य में) उच्च स्तर पर यह निर्णय हुआ है कि भारत सरकार की किसी बैठक में सबसे निम्न स्तर का अधिकारी जायेगा. यह राज्य सरकार की सोच है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकसित भारत बनाने का जो लक्ष्य है, उसमें पश्चिम बंगाल सरकार जहां सहयोग नहीं कर रही, वहां कठिनाई हो रही है.
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