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चुनाव पूर्व संगठन की मजबूती पर जोर, भाजपा की नयी जिला समितियां घोषित

प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने 2026 में होनेवाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने के लिए नयी जिला समितियों की घोषणा की है. यह जिला समिति 2027 तक लागू रहेगी. नयी समिति में आठ को उपाध्यक्ष, 4 को महासचिव और आठ को सचिव नियुक्त किया गया है.

कोलकाता.

प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने 2026 में होनेवाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने के लिए नयी जिला समितियों की घोषणा की है. यह जिला समिति 2027 तक लागू रहेगी. नयी समिति में आठ को उपाध्यक्ष, 4 को महासचिव और आठ को सचिव नियुक्त किया गया है. पार्टी की संगठनात्मक बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि प्रदेश भाजपा 15 अगस्त तक सभी जिलों की समितियों को तैयार कर प्रकाशित करेगी, लेकिन निर्धारित समय के कुछ दिन बाद मंगलवार रात बंगाल भाजपा के 43 संगठनात्मक जिलों में से 36 की जिला समितियों की घोषणा कर दी गयी. पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा 36 संगठनात्मक जिलों की समितियों की घोषणा की गयी है. भाजपा सूत्रों के अनुसार, शेष सात संगठनात्मक जिलों की समितियां अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुई हैं और उनका प्रकाशन नहीं किया जा सका है. इन सभी संगठनात्मक जिलों में कोलकाता उत्तर, उत्तर उपनगर, दक्षिण कोलकाता, बैरकपुर, जादवपुर, हावड़ा सदर की समितियों का घोषणा होना बाकी है. हालांकि, भाजपा सूत्रों का कहना है कि 22 तारीख को प्रधानमंत्री की जनसभा की जिम्मेदारी उन जिलों को दी गयी है जहां जिला समितियों की घोषणा नहीं हुई है. यही कारण है कि समितियों को लेकर जिला नेतृत्व के साथ अंतिम बैठक अभी नहीं हो पायी है. इस कारण है कि कई जिलों में समितियों के गठन होना अभी बाकी है.

हालांकि, राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रदेश भाजपा की 43 जिला समितियों में से कुछ को छोड़कर, कई जिला समितियों के नामों की घोषणा हो चुकी है.

अल्पसंख्यकों के लिए नया समीकरण बना रही प्रदेश भाजपा राज्य की राजनीति में भाजपा नया समीकरण लाने जा रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा पहले से कहीं ज्यादा संख्या में अल्पसंख्यक उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, भाजपा अब सिर्फ हिंदू वोटों को एकजुट करने के साथ-साथ अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में एक अलग रणनीति तलाश रही है. पार्टी के एक प्रदेश नेता ने बताया कि पिछली बार कई मुस्लिम बहुल सीटों पर हिंदू उम्मीदवार दिये गये थे, जो इस बार नहीं होगा. पार्टी उन विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक उम्मीदवार देने पर विचार कर रही है, जहां 70-80 प्रतिशत अल्पसंख्यक मतदाता हैं. इस संबंध में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चार्ल्स नंदी का दावा है कि 2023 के पंचायत चुनाव में भाजपा के 700 से ज्यादा अल्पसंख्यक उम्मीदवारों ने ग्राम पंचायत सीटों पर चुनाव लड़ा था और कई उम्मीदवारों ने जीत भी हासिल की थी. इसलिए, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगले विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक उम्मीदवारों की संख्या एकमुश्त बढ़ सकती है.

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