10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बंगाल में 2002 की मतदाता सूची में सोनाली बीबी के माता-पिता का नाम शामिल : तृणमूल

तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि निर्वासित सोनाली बीबी के माता-पिता का नाम राज्य के बीरभूम जिले की वर्ष 2002 की मतदाता सूची में भारतीय नागरिक के रूप में दर्ज है.

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सितंबर में केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सोनाली बीबी और उनके परिवार को एक महीने के भीतर भारत वापस लाये

केंद्र सरकार ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में दी है चुनौती

संवाददाता, कोलकाता

तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि निर्वासित सोनाली बीबी के माता-पिता का नाम राज्य के बीरभूम जिले की वर्ष 2002 की मतदाता सूची में भारतीय नागरिक के रूप में दर्ज है. तृणमूल ने आरोप लगाया कि मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पश्चिम बंगाल और उसके लोगों के मूल विचार पर हमला है.

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सितंबर में केंद्र को निर्देश दिया था कि वह सोनाली बीबी और उनके परिवार को एक महीने के भीतर भारत वापस लाये. केंद्र सरकार ने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

तृणमूल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा : बीरभूम की एक गर्भवती महिला सोनाली का निर्वासन न केवल नौकरशाही की क्रूरता को उजागर करता है, बल्कि एक सोची-समझी राजनीतिक चालबाजी को भी उजागर करता है. तृणमूल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा : भाजपा, एसआइआर को अपने एक अभियान के रूप में प्रचारित कर रही है, जो वास्तव में बंगाल और उसके लोगों के मूल विचार पर हमला है. यह भय को हथियार बनाने, नागरिकों की संबद्धता पर सवाल उठा कर उन्हें अपमानित करने और राज्य को परिभाषित करने वाले सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने का प्रयास करता है. निर्वाचन आयोग पश्चिम बंगाल और देश के 11 अन्य राज्यों में एसआइआर की प्रक्रिया को अंजाम दे रहा है.

तृणमूल इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए आरोप लगा रही है कि यह भाजपा के इशारे पर किया जा रहा है, जबकि भाजपा का दावा है कि यह एक नियमित चुनावी पुनरीक्षण प्रक्रिया है. तृणमूल ने दावा किया कि सोनाली के पिता भोदू शेख और उसकी (सोनाली की) मां का नाम बीरभूम जिले के मुरारई में 2002 की मतदाता सूची में है.

तृणमूल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा : एक गर्भवती महिला को अवैध घुसपैठिया कहना, जबकि उसके माता-पिता का नाम 2002 की मतदाता सूची में भारतीय नागरिक के रूप में दर्ज है, प्रशासनिक लापरवाही नहीं है. यह राष्ट्रवाद के नाम पर रचा गया नैतिक पतन है. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel