जैव रसायन विभाग में लगाये गये हाई-टेक उपकरण, मरीजों को मिलेगा निःशुल्क उपचार
संवाददाता, कोलकाताएसएसकेएम अस्पताल के बाद अब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भी ऑटोइम्यून बीमारियों (स्वप्रतिरक्षी रोग) के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं शुरू की जा रही हैं. अस्पताल के जैव रसायन विभाग में नवीनतम चिकित्सा उपकरण स्थापित किये गये हैं, जिनकी मदद से इन जटिल बीमारियों का पूरी तरह नि:शुल्क इलाज संभव होगा. अब तक इस तरह की जांच और उपचार के लिए डॉक्टरों को एसएसकेएम अस्पताल पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे मरीजों को 8-10 दिन तक इंतजार करना पड़ता था. नयी सुविधा के शुरू होने से तेज और सटीक निदान संभव होगा तथा मरीजों को तुरंत इलाज मिल सकेगा. स्वप्रतिरक्षी रोग (ऑटोइम्यून डिज़ीज) ऐसी स्थिति होती है, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपनी ही कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करने लगती है. इसके लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं, जिनमें थकान, जोड़ों में दर्द और सूजन आम हैं. वर्तमान में 80 से अधिक प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारियां पहचानी जा चुकी हैं-जैसे टाइप-1 मधुमेह, रुमेटीइड गठिया और ल्यूपस. ये रोग शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकते हैं.आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जैव रसायन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ जयंत दे ने कहा, “एसएसकेएम के बाद अब आरजी कर में भी मरीजों का अत्याधुनिक इलाज संभव होगा. यह राज्य के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है. पहले इस तरह के उपचार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था, अब निदान कुछ ही घंटों में किया जा सकेगा.” उन्होंने बताया कि इस परियोजना को हाल ही में राज्य सरकार से मंजूरी मिल गयी है और सेवा अगले कुछ दिनों में शुरू कर दी जायेगी.
यह सुविधा पूरी तरह राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित होगी और मरीजों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा.डॉ दे ने कहा, “यह हमारे अस्पताल के लिए गर्व की बात है. महंगे इलाज को सरकार द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.”
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