हुगली.
चुंचुड़ा के विधायक असित मजूमदार द्वारा एसआइआर की सुनवाई प्रक्रिया रोके जाने से सोमवार को चुंचुड़ा मगरा ब्लॉक कार्यालय में भारी तनाव का माहौल बन गया. विधायक ने बीएलए को सुनवाई प्रक्रिया में शामिल करने की मांग करते हुए करीब एक घंटे तक पूरी प्रक्रिया ठप करा दी.सोमवार सुबह 11.30 बजे तृणमूल कांग्रेस विधायक असित मजूमदार ब्लॉक कार्यालय पहुंचे और मतदाता सुनवाई बंद करा दी. उनका कहना था कि यदि बीएलए को सुनवाई कक्ष में प्रवेश नहीं दिया गया, तो आगे भी किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होने दी जायेगी. सुनवाई के लिए आये सैकड़ों मतदाता सुबह से लाइन में खड़े होकर बाहर इंतजार करते रहे.स्थिति को देखते हुए 11.30 बजे के बाद बीडीओ कार्यालय का कोलैप्सिबल गेट बंद कर दिया गया, जिससे परिसर में उत्तेजना फैल गयी. हालात संभालने के लिए मगरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. ब्लॉक कार्यालय में सप्तग्राम, बालागढ़ और चुंचुड़ा विधानसभा क्षेत्रों की सुनवाई होनी थी, जिसमें लगभग 1200 मतदाता मौजूद थे. दोपहर 12 बजे सुनवाई शुरू होने की योजना थी, लेकिन उससे पहले ही प्रक्रिया रोक दी गयी.
करीब एक घंटे तक सुनवाई पूरी तरह बंद रही. इस दौरान बीडीओ राजीव पोद्दार और विधायक असित मजूमदार के बीच लंबी बातचीत चली. विधायक पंचायत समिति अध्यक्ष के कक्ष में जाकर बैठ गये, जबकि बाहर खड़े लोग लगातार सुनवाई शुरू करने की मांग करते रहे.बुजुर्ग मतदाताओं और लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे लोगों को ध्यान में रखते हुए करीब एक घंटे बाद मानवीय आधार पर सुनवाई शुरू की गयी. बाहर निकलते समय विधायक असित मजूमदार ने आरोप लगाया कि वर्तमान सुनवाई प्रक्रिया पूरी तरह अव्यवस्थित है. उन्होंने कहा कि बिना ठोस आधार के लोगों को नोटिस भेजकर सुनवाई के लिए बुलाया जा रहा है.
विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि लंबे समय तक सरकारी सेवा करने वाले, सेवानिवृत्त होकर पेंशन पाने वाले, पासपोर्टधारी और 2002 की मतदाता सूची में नाम रखने वाले लोगों को भी अनावश्यक रूप से सुनवाई का नोटिस दिया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी बीएलए को सुनवाई से बाहर क्यों रखा जा रहा है. यदि ऐसा कोई नियम है, तो उसे लिखित रूप में दिखाया जाये.विधायक बोले, वास्तविक मतदाता का नाम हटने नहीं दिया जायेगा : विधायक ने चेतावनी दी कि बीएलए को बाहर रखकर किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम सूची से हटाने नहीं दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस अपने नेता अभिषेक बनर्जी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के अनुसार आंदोलन करेगी. यदि बीएलए को अनुमति नहीं दी गयी, तो मंगलवार से फिर सुनवाई बंद कर दी जायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

