प्रतिनिधि, हुगली.
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हुगली की स्टार सांसद रचना बनर्जी ने चुचुड़ा स्थित ‘आरोग्य’ स्वैच्छिक संस्था में बुजुर्गों के साथ दिन बिताया. राखी बांधकर और मिठाई खिलाकर उन्होंने सभी के साथ खुशियां साझा कीं और भावुक स्वर में कहा— आज से हमेशा चुंचुड़ा के आरोग्य के साथ रहूंगी. शनिवार दोपहर आयोजित इस कार्यक्रम में सांसद के पति प्रबाल बसु, चुचुड़ा नगरपालिका के चेयरमैन अमित राय, कार्याध्यक्ष निर्मल्या चक्रवर्ती, जनप्रतिनिधि श्यामाप्रसाद मुखर्जी, संस्था के प्रमुख इंद्रजीत दत्ता व उनका परिवार तथा सभी सदस्य मौजूद रहे. चंदन और फूलों से बुजुर्गों ने सांसद का गर्मजोशी से स्वागत किया.
भावुक हुईं रचना बनर्जी : रचना बनर्जी ने कहा, यहां आकर लगता है कि मैं एक प्यार से भरी दूसरी दुनिया में आ गयी हूं. इतने सारे बुजुर्गों के साथ इतनी सुंदर तरीके से काम करनेवाली यह संस्था सचमुच एक महान कार्य कर रही है. दीदी हमेशा कहती थीं— इंसानों के साथ रहो, इंसानों के लिए काम करो. जब भी बुलाओगे, सांसद के रूप में नहीं, किसी भी रूप में मैं आऊंगी.
उन्होंने आगे कहा, मुझसे ज्यादा यहां रहनेवाले खुश हुए हैं. सभी का एक साथ खुशी मनाना, गाना, हंसना, खाना— यह अद्भुत माहौल है. मेरे पिता अब नहीं हैं, लेकिन मां हैं… आज उनकी बहुत याद आ रही है. उम्र बढ़ने पर बुजुर्गों को डांटकर भी और प्यार से भी संभालना पड़ता है. यहां 44 आवासीय हैं, यानी 44 माता-पिता— जिनकी देखभाल करना वाकई बड़ी बात है.
वृद्धाश्रम को लेकर बदली सोच
सांसद ने वृद्धाश्रम को लेकर अपनी सोच में आये बदलाव का ज़िक्र भी किया. उन्होंने कहा, पहले लगता था वृद्धाश्रम मतलब अकेलापन, लेकिन आरोग्य आकर देखा कि यहाँ के आवासीय फुर्ती से और सुंदर तरीके से काम कर रहे हैं. जब माहौल खुशी और प्यार से भरा हो, तो वृद्धाश्रम भी सुख और शांति का घर हो सकता है. ऐसी संस्थाएं हर जगह बननी चाहिए, जहां बुजुर्गों का अंतिम समय प्यार, देखभाल और खुशी में बीते.
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