कोलकाता. भारतीय फुटबॉल में कई वर्षों से आ रही गिरावट को लेकर चिंतित देश के सबसे पुराने क्लबों में से एक ईस्ट बंगाल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है. क्लब ने कहा है कि इंडियन सुपर लीग (आइएसएल) के भविष्य को लेकर अनिश्चितता और खेल में निवेश में भारी कमी ने फुटबॉल को अभूतपूर्व संकट की स्थिति में पहुंचा दिया है.
106 साल पुराने इस क्लब ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि भारतीय राष्ट्रीय टीम अपने गौरवशाली इतिहास के बावजूद नवीनतम फीफा रैंकिंग में 142वें स्थान पर खिसक गयी है. टीम ने 1951 और 1962 के एशियाई खेलों में स्वर्ण और 1970 में कांस्य पदक जीता था. दिलचस्प बात यह है कि ईस्ट बंगाल उन 12 आइएसएल टीमों में शामिल है, जिन्होंने लीग के आयोजन में अनिश्चितता दूर करने के लिए उच्चतम न्यायालय में संयुक्त आवेदन दायर किया है. क्लब ने पत्र में चिंता जतायी कि देश की शीर्ष लीग आइएसएल इस सत्र में अब तक शुरू नहीं हुई है. इससे खिलाड़ियों, क्लबों, अधिकारियों और समर्थकों में तनाव बढ़ रहा है. ईस्ट बंगाल क्लब के अध्यक्ष मुरारी लाल लोहिया द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है, “इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि यह लीग कब शुरू होगी या शुरू होगी भी या नहीं.
यह अनिश्चितता खेल की अखंडता और भविष्य के लिए खतरा बन गयी है.”
क्लब के अनुसार, पिछले चार-पांच वर्षों में संचालन में आयी गिरावट ने भारतीय फुटबॉल के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित किया है. पत्र में प्रधानमंत्री से अपील की गयी है कि वह आइएसएल को तुरंत शुरू कराने में मदद करें और कॉर्पोरेट निवेश व प्रायोजन को फिर से सक्रिय करने के लिए पहल करें, क्योंकि तेजी से गिरता निवेश इस गतिरोध का प्रमुख कारण है. क्लब ने कहा, “कॉर्पोरेट का भरोसा वापस लाने और लीग के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आपके मार्गदर्शन की तुरंत आवश्यकता है.”
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