कोलकाता. काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआइएससीई) ने पश्चिम बंगाल के 170 स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे क्लास दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप करने और क्लासरूम लर्निंग को असल ज़िंदगी के अनुभव से जोड़ने के लिए बढ़ावा दें. इंटर्नशिप के लिए स्कूल पड़ोस की बुक स्टॉल या किसी बड़ी कंपनी में जाकर किताबों की दुकान या किसी बड़ी कंपनी में छात्रों को प्रोजेक्ट देकर जोड़ सकते हैं. काउंसिल के एक अधिकारी ने बताया कि कक्षा दसवीं और बारहवीं में इंटर्नशिप एकेडमिक नॉलेज को असल दुनिया की स्थितियों से जोड़ने में मदद कर सकती है. इससे स्टॉक या कैश मैनेजमेंट जैसे ऑपरेशन्स में प्रैक्टिकल जानकारी मिल सकती है. इंटर्नशिप पॉलिसी विद्यार्थियों पर बोझ डाले बिना काम के घंटे तय करेगी. भविष्य में, अलग-अलग सब्जेक्ट्स के इंटरनल असेसमेंट स्टूडेंट्स के बनाये सबूतों और प्रोजेक्ट वर्क से जुड़ेंगे. इससे नॉलेज और अनुभव गहरा होगा. सीआइएससीई धीरे-धीरे कॉम्पिटेंसी-बेस्ड एजुकेशन की ओर बढ़ रहा है, जिसमें कॉन्सेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग, हायर-ऑर्डर थिंकिंग, असल दुनिया की प्रासंगिकता, क्रिटिकल रीज़निंग और व्यावहारिक ज्ञान को प्राथमिकता दी जा रही है.
काउंसिल स्पोर्ट्स, आर्ट्स या दूसरे इंटेंसिव एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों के लिए समर्पित छात्रों के लिए एक खास पाठ्यक्रम और एग्जामिनेशन फ्रेमवर्क लाने की भी योजना बना रही है.
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