कोलकाता. निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के मद्देनजर 80 हजार से अधिक बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के लिए शनिवार को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया. बीएलओ के एक वर्ग ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने और कर्तव्यों के निर्वहन में पारदर्शिता की मांग उठायी. चुनाव आयोग रविवार और सोमवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को प्रशिक्षित करेगा. अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न जिलों में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन नवंबर तक पूरा हो जायेगा और इसके अगले दिन से घर-घर जाकर विवरण एकत्र करने का कार्य शुरू हो जायेगा. 80,861 बीएलओ को एसआइआर के लिए प्रशिक्षित किया गया. उन्हें गणना प्रपत्रों की समीक्षा करने, मतदाताओं के साथ समन्वय करने और बीएलओ ऐप पर जानकारी अपलोड करने का प्रशिक्षण दिया गया. इसका उद्देश्य बीएलओ को ऐप की तकनीकी और लॉग-इन प्रणाली से परिचित कराना व गणना प्रपत्रों के रखरखाव से अवगत कराना था. बीएलओ को पहचान पत्र और किट उपलब्ध करायी जा रही है.
बीएलओ ने सुरक्षा को लेकर जतायी चिंता
बूथ स्तर के अधिकारियों के एक वर्ग ने हालांकि प्रशिक्षण के दौरान सुरक्षा पहलू को लेकर चिंता जतायी. प्रशिक्षण में भाग लेने वाले एक बीएलओ ने बताया : हां, सुरक्षा संबंधी कुछ चिंताएं हैं क्योंकि हमें जमीनी स्तर पर काम करना है. एक अन्य बीएलओ ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया : ऐसे कार्यों में हमेशा कुछ जोखिम होते हैं, जैसा कि पिछले चुनावों में देखा गया है. लेकिन हमें नियमों का पालन करना चाहिए और बिना किसी डर के अपना काम करना चाहिए.प्रशिक्षण के दौरान एसआइआर के काम को ऑन ड्यूटी दिखाने की उठायी मांग
शनिवार को नजरुल मंच में एसआइआर के लिए प्रशिक्षण के दौरान कई बीएलओ ने स्टेज पर चढ़ कर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि आयोग ने एसआइआर का काम करने के लिए जो शर्तें व नियम बनाये हैं, उस हिसाब से काम कर पाना संभव नहीं है. कई बीएलओ ने कहा कि वे अपनी ड्यूटी करने के बाद जब फ्री होंगे, तब तक दिन खत्म होने को होगा, ऐसे में 30 दिन में ये संभव नहीं है. महिलाओं ने कहा कि अपनी नौकरी खत्म कर के रात में अनजान घरों में जाकर फॉर्म देने सहित विभिन्न काम करना बिना सुरक्षा के संभव नहीं है. कई बीएलओ ने केंद्रीय वाहिनी की भी मांग की. कई बीएलओ का कहना है कि एक वर्ष का समय देने से यह काम संभव हो पायेगा. बीएलओ ने मांग की कि उन्हें स्कूल से छुट्टी दी जाये, ताकि वे एसआइआर का कार्य कर सकें. हालांकि, इस बारे में आयोग ने अब तक कुछ स्पष्ट नहीं किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

