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पश्चिम बंग आयुर्वेद परिषद में जारी है प्रशासनिक संकट

पश्चिम बंग आयुर्वेद परिषद में तीन साल से अधिक समय से प्रशासनिक संकट जारी है. जो राज्य की आयुर्वेदिक चिकित्सकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. परिषद की निष्क्रियता के कारण आयुर्वेद के क्षेत्र प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआइएसएम) ने हस्तक्षेप करते हुए परिषद के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है.

कोलकाता

. पश्चिम बंग आयुर्वेद परिषद में तीन साल से अधिक समय से प्रशासनिक संकट जारी है. जो राज्य की आयुर्वेदिक चिकित्सकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. परिषद की निष्क्रियता के कारण आयुर्वेद के क्षेत्र प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआइएसएम) ने हस्तक्षेप करते हुए परिषद के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा है.

एनसीआइएसएम ने स्पष्ट किया है कि परिषद के संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और उन्हें सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिये हैं.

बता दे कि राज्य सरकार की चुप्पी के कारण यह समस्या और गंभीर हो गयी है. अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और आयुर्वेदिक स्वास्थ्य-व्यवस्था को कैसे सुधारती है.

गौरतलब है कि पश्चिम बंग आयुर्वेद परिषद से प्रशासनिक संकट के संबंध में बंगीय आयुर्वेद चिकित्सा संघ की ओर स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ केशव लाल प्रधान ने एनसीआइएसएम को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी थी. इसके बाद एनसीआइएसएम ने तवरित कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंग आयुर्वेद परिषद के रजिस्ट्रार को उक्त पत्र भेजा है. अब आयुष मंत्रालय ने परिषद के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है और सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिये हैं.

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