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पहले दिन 18 लाख गणना प्रपत्र वितरित किये गये

निर्वाचन आयोग (इसी) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सहित नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) शुरू किया.

तकनीकी गड़बड़ी के चलते ऑनलाइन फॉर्म वितरण नहीं हो सका संवाददाता, कोलकाता निर्वाचन आयोग (इसी) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सहित नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) शुरू किया. पश्चिम बंगाल में मंगलवार को एसआइआर शुरू हो गया. इसके तहत 80,000 से अधिक बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) गणना प्रपत्र वितरित करने के लिए घर-घर पहुंच रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शाम पांच बजे तक बीएलओ द्वारा 18 लाख से अधिक गणना प्रपत्र वितरित किये गये. यह प्रक्रिया चार दिसंबर तक जारी रहेगी. अधिकारी ने बताया: कवायद के पहले दिन शाम पांच बजे तक 18 लाख से अधिक मतदाताओं को गणना फार्म सौंपे जा चुके हैं. हालांकि, शुरुआत में कुछ अड़चनें भी आयीं और एक तकनीकी गड़बड़ी ने पहले दिन प्रपत्र के ऑनलाइन वितरण को बाधित कर दिया, जबकि बीएलओ के रूप में कार्यरत सैकड़ों स्कूली शिक्षकों को अपनी नियमित कक्षाओं के साथ चुनावी कर्तव्यों को संतुलित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा. कुछ क्षेत्रों में बीएलओ के काम में अवरोध डाले जाने संबंधी खबरों पर सीइओ कार्यालय के अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस मामले में संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (इआरओ) से रिपोर्ट मांगी है. अधिकारी ने बताया कि कुल मिलाकर 294 विधानसभा क्षेत्रों में इस प्रक्रिया को संचालित करने के लिए 80,681 बीएलओ तैनात किये गये हैं. लगभग 7.66 करोड़ गणना प्रपत्र तैयार किये गये हैं, और प्रत्येक मतदाता को दो प्रतियां मिलेंगी – एक मुहर लगी पावती के साथ रखने के लिए और एक निर्वाचन आयोग के रिकॉर्ड के लिए. पश्चिम बंगाल में 23 साल के अंतराल के बाद एसआइआर का आयोजन किया जा रहा है. राज्य में आखिरी एसआइआर वर्ष 2002 में आयोजित की गयी थी. हालांकि, तकनीकी समस्याओं के कारण मतदाता पोर्टल के शुरू नहीं हो पाने के कारण निर्वाचन आयोग की एक साथ ऑनलाइन प्रपत्र वितरण की योजना को झटका लगा. एक अन्य अधिकारी ने समय-सीमा बताये बिना कहा, ‘यह एक तकनीकी समस्या के कारण है. हमें उम्मीद है कि यह सेवा कुछ दिनों में चालू हो जायेगी. इस बाधा के बावजूद सीइओ कार्यालय के अधिकारियों ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रियाएं सुचारु रूप से चलेंगी. इस बीच, पश्चिम बंगाल शिक्षक संघ ने चिंता व्यक्त की कि बीएलओ के रूप में प्रतिनियुक्त शिक्षक बड़ी संख्या में मंगलवार को प्रपत्र वितरण में भाग नहीं ले सके क्योंकि उन्हें अपने स्कूलों में रिपोर्ट करना था. संघ के पदाधिकारी गुलाम मुस्तफा सरकार ने कहा: कई शिक्षक स्कूल में ड्यूटी पर होने के कारण घर-घर जाकर प्रपत्र वितरण प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सके. जिनके स्कूल वितरण केंद्रों के पास हैं, वे किसी तरह दोनों काम संभाल रहे हैं. संघ ने मांग की है कि एसआइआर ड्यूटी में लगे शिक्षकों को ‘ड्यूटी पर तैनात’ माना जाये ताकि उन्हें ‘अमानवीय कार्यभार’ से बचाया जा सके. निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, मसौदा मतदाता सूची नौ दिसंबर को प्रकाशित की जायेगी. दावे और आपत्तियां नौ दिसंबर से आठ जनवरी के बीच उठायी जा सकती हैं, जिसके बाद 31 जनवरी तक सुनवाई और सत्यापन का काम किया जायेगा. अंतिम मतदाता सूची विधानसभा चुनाव से महज दो महीने पहले सात फरवरी को प्रकाशित की जायेगी. विधानसभा चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है.

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