कोलकाता : प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में हिंदू हॉस्टल के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने की मांग को लेकर मंगलवार को भी विद्यार्थियों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा. सोमवार से ये छात्र मांग कर रहे हैं कि बाहर से आनेवाले छात्रों को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिलने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है.
हिंदू हॉस्टल के नाम से प्रसिद्ध प्रेसिडेंसी के इस प्राचीन हॉस्टल के वार्ड नंबर तीन, चार व पांच में अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. इस मांग को लेकर छात्रों के प्रदर्शन के कारण लगभग 15 घंटे तक प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर अनुराधा लोहिया को अपने कक्ष में कैद रहना पड़ा.
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार सुबह छह बजे साइड एग्जिट दरवाजे के जरिये वह किसी तरह बाहर निकलीं. छात्रों का एक समूह अब भी उनके कार्यालय के सामने धरने पर बैठा है. इस बारे में विश्वविद्यालय में एसएफआइ यूनिट अध्यक्ष देवनील पॉल ने बताया कि विद्यार्थी लंबे समय से हिंदू हॉस्टल के पांच वार्डों में से तीन में मरम्मत कार्य शीघ्र पूरी करवाने की मांग कर रहे हैं.
लेकिन प्रशासन इसे नजरअंदाज कर रहा है. छात्रों की ओर से एक लिखित नोट वाइस चांसलर को दिया गया था. इसमें सभी मुद्दों को सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन सोमवार दोपहर तक कोई जवाब नहीं दिया गया. इसके बाद तीन बजे से छात्रों ने वाइस चांसलर के कक्ष के सामने धरना शुरू कर दिया.
देर रात तक छात्रों के डटे रहने के कारण वाइस चांसलर कक्ष से निकल ही नहीं पायीं. प्रदर्शनकारी छात्रों ने यह भी मांग की कि छात्रावास के नवीनीकरण का मुद्दा काफी लंबे समय से उठाया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों ने हिंदू हॉस्टल की मरम्मत के काम में कोई तेजी नहीं दिखायी है. कुछ छात्रों का कहना है कि हॉस्टल के नवीनीकरण के काम को शीघ्र पूरी करने की मांग करनेवाली छात्राओं को प्रेसिडेंसी परिसर में हुए सम्मेलन में प्रवेश करने से रोका गया. अभी हॉस्टल में 130 बोर्डर हैं. बाकी लगभग 120 विद्यार्थियों को हॉस्टल में जगह नहीं मिल रही है. इसे लेकर छात्रों ने पहले भी आंदोलन किया था.
इसके बाद हॉस्टल के दो वार्डों को 2018 में खोला गया था. उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय से सटे हिंदू हॉस्टल भवन को जुलाई, 2015 में मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था और वहां ठहरनेवालों को नयी व्यवस्था के तहत न्यूटाउन में किराये के आवास में स्थानांतरित किया गया था. सोमवार से इसी मुद्दे को लेकर छात्रों ने फिर से धरना व प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
मंगलवार सुबह 6 बजे प्रेसिडेंसी की वाइस चांसलर अनुराधा लोहिया अपने कक्ष से निकल कर घर गयीं. एक अधिकारी ने बताया कि काफी समय से अंदर बंद होने के कारण वह तनाव में हैं.
कुछ छात्रावासों में मरम्मत कार्यों को शीघ्र पूरा करने और बर्खास्त छात्रावास कर्मचारियों की बहाली की मांग कर रहे छात्र उनके कार्यालय के बाहर मंगलवार को भी धरने पर बैठे रहे. कॉलेज स्ट्रीट, कोलकाता में स्थित विश्वविद्यालय को पहले हिंदू कॉलेज और प्रेसिडेंसी कॉलेज के नाम से जाना जाता था. वर्ष 2010 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया.
हॉस्टल के पांच वार्डों में से तीन में मरम्मत कार्य बिना किसी देरी के पूरा करने और आठ बर्खास्त हॉस्टल कर्मचारियों को तुरंत बहाल किए जाने की मांग को लेकर सोमवार से प्रदर्शन व धरना दे रहे हैं. इंडिपेंडेंट कंसोलिडेशन (आईसी) और एसएफआई से जुड़े छात्र हाथ में तख्तियां लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर लिखा था, ‘‘हम पूरा हिंदू हॉस्टल वापस चाहते हैं और छात्रों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई भी कठोर कदम ना उठाया जाये.
आईसी से जुड़े प्रदर्शनकारी सुभो विश्वास ने कहा कि हमने वीसी से अपनी मांगों पर स्पष्ट जवाब की मांग की थी, लेकिन वह दूसरे दरवाजे से निकल गयी हैं. परिसर में आने पर उनसे फिर से इसका जवाब मांगा जायेगा. बच कर निकलने नहीं दिया जायेगा. इस विषय में डीन अरूण माइती ने कोई टिप्पणी करने से यह कह कर मना कर दिया कि वह अभी किसी बैठक में हैं और बाद में बात करें.