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कोलकाता : असहिष्णुता फैलानेवाले राजनीतिक व्यवस्था की उपज
‘भारत कोन पथे’ संगोष्ठी में बोले प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन कोलकाता : भारतीय समाज बहुसंस्कृति व विभिन्न धर्मों की धाराओं का मिलन तीर्थ है, जो लोग आज देश में असहिष्णुता का वातावरण तैयार कर रहे हैं, वे राजनीतिक व्यवस्था की उपज हैं. ये बातें नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने महानगर के शिशिर मंच मे […]
‘भारत कोन पथे’ संगोष्ठी में बोले प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन
कोलकाता : भारतीय समाज बहुसंस्कृति व विभिन्न धर्मों की धाराओं का मिलन तीर्थ है, जो लोग आज देश में असहिष्णुता का वातावरण तैयार कर रहे हैं, वे राजनीतिक व्यवस्था की उपज हैं. ये बातें नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने महानगर के शिशिर मंच मे ‘भारत कोन पथे’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहीं. उन्होंने कहा कि भाजपा को 2014 में 31 फीसदी मत मिले थे. इससे स्पष्ट है कि वह बहुसंख्यक नहीं है.
हमारी राजनीतिक व्यवस्था की वजह से यह आज सत्ता में है. उन्होंने कहा, हमें सहिष्णु भारत बनाने के लिए देश की सामाजिक संरचना को समझना होगा. भगवान बुद्ध ने भी जब अपनी बातें कहीं तो उसे माननेवाले लोग कम ही थे. बाद में लोगों को उनकी बातें समझ में आयी. इसीलिए अभी भी हमारे देश में संभावनाएं हैं, जो लोग अशांति फैलाने का काम कर रहे हैं, उनकी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है. इसे हमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य में समझना होगा.
इस अवसर पर उन्होंने अशोकेंदु सेनगुप्ता की किताब विपन्न भारत का भी विमोचन किया, जिसमें भारतीय समाज में असंतोष व समस्याओं की गहन पड़ताल की गयी है. इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अनिर्वाण चट्टोपाध्याय, डॉ अभिजीत चौधरी, कपिल कृष्ण ठाकुर, उर्वा चौधरी व सेरेना मुर्म शामिल थे.
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