कोलकाता : हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान जंगल महल इलाके में तृणमूल की पराजय और भाजपा की बढ़त को काफी गंभीरता से देख रही हैं ममता बनर्जी. पार्टी की ओर से इस हार के लिए आपसी गुटबाजी को जिम्मेवार ठहराया गया था. गुरुवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित तृणमूल कांग्रेस की कोर कमिटी की बैठक को संबोधित करते हुए ममता ने एक तरह से पार्टी के इस आंकलन पर मोहर लगाती हुईं साफ कहा कि वह 10 दिनों में इसकी पूरी रिपाेर्ट मांगी है. इसके बाद इस मामले को वह खुद देखेंगी.
कोर कमिटी की बैठक को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि दो रुपये किलो चावल के साथ सबुजसाथी व प्रत्येक सरकारी परिसेवा को जंगलमहल के निवासियों तक पहुंचा दिया गया है. बावजूद इसके वहां के लोगों ने हमें नकार दिया. इसके बारे में जब वह अपने स्तर से जांच की, तो पता चला कि कुछ नेताओं के अहंकार व व्यवहार के कारण ऐसा हुआ है. हमारे कुछ लोग काम तो किये नहीं, उल्टे दूसरों को भी काम करने नहीं दिया. इसके पीछे ममता बनर्जी ने भाजपा के रुपयों के खेल को जिम्मेवार बताया.
जंगलमहल में पार्टी की हालत सुधारने की जिम्मेवारी ममता ने राज्य के शिक्षा मंत्री व तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी को दिया. इसके अलावा हार के कारणों का पता लगाने के लिए ममता बनर्जी ने पश्चिम मेदनीपुर के जिला अध्यक्ष अजीत माइती व स्थानीय नेता दिनेन राय समेत पांच लोगों की एक कमेटी बनायी है. कमिटी सात दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस के अंदर यह चर्चा भी तेज है कि अब तक वहां पर पार्टी की कमान एक तरह से पुलिस अधीक्षक भारती घोष ही संभाले हुए थीं. उनके हटते ही जंगलमहल के झाड़ग्राम, लालगढ़, बेलपहाड़ी जैसे इलाकों में सत्ता पक्ष में गुटबाजी उभर कर सामने आ गयी थी. इसका प्रभाव पंचायत चुनाव में वोट बैंक पर पड़ा.
