कोलकाता . नकली नोट बाजार से बाहर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने कमर कस ली है. आरबीआइ असली व नकली नोट की पहचान करने के लिए एक एप्लीकेशन तैयार कर रहा है, जो सभी एंड्रायड फोन का उपयोग करने वाले लोगों को नकली नोटों की पहचान करने में मदद करेगा. इस एप्लीकेशन में सभी बड़े नोटों के आम के साथ खास फीचर शामिल होंगे.
नकली नोटों का कारोबार साल दर साल बढ़ने को गंभीरता से लेते हुए आरबीआइ आम आदमी तक नोट स्कैनर पहुंचाने की कोशिश में लग गया हैय केंद्रीय बैंक का मानना है कि आम आदमी नोट की पहचान आसानी से कर सकेगा तो नकली नोट के चलन पर आसानी से अंकुश लगाया जा सकेगा.
इसके लिए आरबीआइ एक संस्था के सहयोग से एंड्रायड पर आधारित स्कैनर एप्लीकेशन तैयार करा रहा है. यह स्कैनर ऐप नोट को स्कैन करेगा और उसके कुछ सेकेंड में ही फीचर पढ़ने के बाद बता देगा कि नोट असली है या नकली. अभी इस स्कैनर ऐप का ट्रायल चल रहा है और 95 फीसदी से अधिक एक्यूरेसी लेवल पर लाया जा चुका है. जिस दिन ऐप सौ फीसदी एक्यूरेसी पर नोट को पहचान लेगा, इसे आम आदमी के लिए लांच कर दिया जायेगा.
इस एप्लीकेशन में 50 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक के सभी नोट (नये व पुराने दोनों) के फीचर शामिल होंगे. आरबीआइ ने विभिन्न नोटों के 14-17 फीचर आम आदमी के लिए जारी किये हैं, लेकिन इस स्कैनर ऐप में ऐसे सिक्योरिटी फीचर भी शामिल होंगे, जो बिना किसी उपकरण के सहारे नहीं देखे जा सकते. ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि कोई भी एप्लीकेशन का सुरक्षा चक्र न तोड़ सके इसीलिए स्कैनर एप्लीकेशन का नाम व फीचर अभी गोपनीय है.
एक बैंक अधिकारी का कहना है कि इस एप्लीकेशन के आने के बाद आम आदमी भी अपने नोट की पहचान आसानी से कर लेगा. उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद कुछ महीनों तक ही नकली नोटों का प्रचलन रुका रहा था और अब प्रायः हर रोज देश के किसी न किसी हिस्से में नकली नोट पकड़े जाने के मामले दर्ज हो रहे हैं.
बढ़ाये जा रहे हैं सिक्योरिटी फीचर्स: आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र ने एक बयान जारी कर कहा है कि रिजर्व बैंक करंसी नोट्स की सिक्यॉरिटी फीचर्स को बढ़ा रहा है ताकि नोटों की नकल ना हो सके. पिछले 2.5 साल में देश में हाई क्वॉलिटी के नकली नोटों के मामले ना के बराबर सामने आये हैं.लेकिन आरबीआइ नये फीचर्स की तलाश और अमल में लाने में जुटा रहता है.
