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नीट परीक्षा फिर देने को लेकर हाइकोर्ट पहुंचा परीक्षार्थी

नीट परीक्षा फिर लेने के आवेदन के साथ दायर मामले को हाइकोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

अदालत ने मूल ओएमआर शीट व परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी फुजेट संरक्षित रखने का दिया आदेश

कोलकाता. नीट परीक्षा फिर लेने के आवेदन के साथ दायर मामले को हाइकोर्ट ने स्वीकार कर लिया. एमबीबीएस कोर्स (यूजी) के एक नीट परीक्षार्थी के आवेदन को देखते हुए परीक्षा की ऑरिजनल ओएमआर शीट व परीक्षा हॉल के सीसीटीवी फुटेज एक वर्ष के लिए संरक्षित रखने का निर्देश न्यायाधीश जय सेनगुप्त ने दिया. उनका कहना था कि फिर से इस परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है. इसे देखते हुए हाइकोर्ट फिलहाल कोई आदेश नहीं जारी करेगा. मामलाकारी को जरूरत पड़ने पर वह शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है.

रविवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ग्रेस नंबर पानेवाले 1563 परीक्षार्थी फिर से परीक्षा देंगे. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि परीक्षा केंद्र में मामलाकारी व परीक्षार्थियों का समय नष्ट किया गया है, इसमें कोई संदेह नहीं है. मामलाकारी एमबीबीएस कोर्स के एक नीट (यूजी) परीक्षार्थी है. परीक्षार्थी का नाम फियोना मजूमदार है. उसका आरोप था कि परीक्षा केंद्र में उसे फटी हुई ओएमआर शीट दी गयी थी. इसकी शिकायत भी उसने की थी. उसे अगले आदेश के लिए डेढ़ घंटे इंतजार भी करना पड़ा था. अंत में काफी कम समय में मामलाकारी ने अपनी परीक्षा पूरी की. फिर से परीक्षा लेने के लिए उसने आवेदन किया. लेकिन अधिकारियों ने इसे मंजूर नहीं किया. इसके बाद उसने हाइकोर्ट में याचिका दायर की.

दूसरी ओर एनटीए का दावा है कि ओएमआर शीट को स्कैन कर दिया गया था. यह भी कि फटी हुई ओएमआर शीट नहीं दी गयी थी. ऊपर का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था. परीक्षार्थी के कहने पर उक्त ओएमआर शीट पर परीक्षा देने को कहा गया था. इसमें कुछ मिनट ही नष्ट हुआ था.

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