बीरभूम.
जिले के मोहम्मद बाजार थाना इलाके के देउचा पचामी प्रस्तावित कोयला परियोजना को लेकर शुक्रवार को राज्य के तीन विभागों के मुख्य सचिव बीरभूम पहुंचे थे. इन तीन विभागों में मुख्य रूप से राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव नारायण स्वरूप निगम, आदिवासी विकास विभाग के मुख्य सचिव छोटेन डी लामा तथा पब्लिक हेल्थ टेक्निकल डिपार्टमेंट के मुख्य सचिव सुरेश चंद्र गुप्ता मौजूद थे. इस दिन पीडीसीएल राज्य के अध्यक्ष पीबी सेलिम, बीरभूम जिला अधिकारी विधान राय समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. मुख्य रूप से कोयला परियोजना से जुड़े कार्यों की गति और इससे जुड़े क्षेत्र के विकास ,क्षेत्र के आदिवासियों के स्वास्थ्य उनके सुविधा असुविधा को लेकर जायजा लिया गया. इन सब मामलों को लेकर जिला अधिकारियों के साथ बैठक भी की गई. इस दिन देउचा पचामी प्रस्तावित कोयला परियोजना का सात फरवरी से चंदा मौजा क्षेत्र के 12 एकड़ भूमि पर चल रहे खुदाई कार्य का उक्त अधिकारियों ने दौरा कर जायजा लिया. फिलहाल उक्त क्षेत्र में खुदाई कर ऊपर से लाल मोरम मिट्टी हटाने के साथ ही उसके नीचे मौजूद काला पत्थर हटाने के लिए टेंडर कर चुकी है.इसके बाद कोयला खनन का काम होगा. हालांकि तीनों विभाग के मुख्य सचिव खनन कार्य के साथ ही राज्य सरकार द्वारा क्षेत्र में स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा, सड़क के विकास के कार्यों का भी जायजा लिया. खुदाई किए गए क्षेत्र में पीने के पानी के तीव्र संकट को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई.यहां पर इसके पूर्व इस समस्या को देखते हुए तत्कालिक सांसद सोमनाथ चट्टोपाध्याय की पहल के तहत हाटगाछा प्रकल्प तैयार कर पानी की जरूरत को कम किया गया था. तब चंदा, निश्चिंतपुर, दीवागंज क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति नहीं थी. उस पुरानी परियोजनाओं के लिए नई तकनीक के साथ घर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचने का प्रयास चल रहा हैं. पिछले कुछ दिनों से, जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा क्षेत्र में पानी प्रदान करने की कोशिश की जा रही हैं. कल राज्य के मुख्य सचिव सुरेंद्र चंद्र गुप्ता ने इस परियोजना की समीक्षा की.यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मोहम्मद बाजार में 11 नई जल परियोजनाएं चल रही हैं.पालश बासिनी क्षेत्र और पुराने गाँव क्षेत्र में एक नए ओवरहेड जलाशय का विशेष पहल कर निर्माण किया गया था. कोयला खनन कार्य के शुरू होने पर ब्लॉक में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य को लेकर भी राज्य सरकार और जिला प्रशासन सतर्क है .क्योंकि मोहम्मद बाजार ब्लॉक के चंदा मौजा क्षेत्र से 15 किमी दूर ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. खुदाई से पहले, राज्य प्रशासन ने स्वास्थ्य केंद्र के विकास के लिए विशेष योजनाएं ली हैं. ब्लॉक हेल्थ सेंटर में छह चिकित्सा अधिकारियों के साथ पर्याप्त नर्स हैं. एक्स-रे भी मौजूद है. लेकिन ईसीजी अभी तक नहीं उपलब्ध कराया गया है. खनन अंचल में ट्रामा केंद्र नहीं हैं. गौरतलब है कि जिले के मोहम्मद बाजार ब्लॉक में चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. जो कि रामपुर, पुराना गांव, सेकेंडा और भाड़ काटा अंचल में है. खनन क्षेत्र में सेकेंडा और भाड़ काटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पड़ते है.
इलाके के लोगों ने दावा किया है कि इन दोनों स्वास्थ्य केंदों का विकास किया जाए. क्षेत्र में, पत्थर क्रेशर और खनन के कारण काफी मात्रा में प्रदूषण होता है. इस प्रदूषण के कारण उक्त इलाके के करीब 20 लोग सिलिकोसिस के मरीज पाए गए है. यह संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ ही रही है. इसलिए, स्वास्थ्य को लेकर इसके मुख्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को इलाके के लोगों ने इन दोनों स्वास्थ्य केंदों के विकास और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की मांग की है.इलाके के आदिवासी गांवों में सड़कों की मांग भी की गई है. यद्यपि ग्रामीण विकास विभाग के सचिव जिला प्रशासन के सचिव नहीं हैं, जिला प्रशासन इसके बारे में आदिवासी विकास के सचिव से बात किया है. इस दिन अनुब्रत मंडल के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने एक अहम बैठक की .इस बैठक में मुख्य रूप से देउचा पचामी प्रस्तावित कोयला परियोजना को लेकर हुई. यद्यपि क्षेत्र के आदिवासियों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा घोषित पैकेज के अनुरूप अब भी क्षेत्र के कई मौजा इलाके के आदिवासी को अब तक नौकरी और घोषित पैकेज नहीं मिल पाया है. यही कारण है कि अब भी इस प्रस्तावित कोयला परियोजना को लेकर एक वर्ग आदिवासी समुदाय के लोग विरोध में अड़े हुए है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है