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कांकसा में नौ सूत्री मांग को लेकर आदिवासी संगठन ने किया चक्का जाम

पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में संथाली भाषा को सरकारी मान्यता तथा बंद पड़े आदिवासी हॉस्टल खुलवाने समेत नौ सूत्री मांग को लेकर सड़क अवरोध कर दिया गया है.मिली जानकारी के अनुसार 12 घंटे के हड़ताल को केंद्र कर सुबह से ही आदिवासी समुदाय का सड़क अवरोध जारी है.

पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में संथाली भाषा को सरकारी मान्यता तथा बंद पड़े आदिवासी हॉस्टल खुलवाने समेत नौ सूत्री मांग को लेकर सड़क अवरोध कर दिया गया है. इसके कारण भारी ट्रैफिक जाम लग गई है. घटनास्थल पर कांकसा थाना पुलिस और कांकसा ट्रैफिक गार्ड थाना पुलिस पहुंच कर परिस्थित को नियंत्रण करने में जुट गई है. वही किसी तरह का कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिये भारी पुलिस बल उतारा गया है. मिली जानकारी के अनुसार 12 घंटे के हड़ताल को केंद्र कर सुबह से ही आदिवासी समुदाय के लोगों ने हाथ में तीर धनुष लेकर सड़क को अवरोध कर दिया गया है.

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कई जगहों पर सड़कों पर लगा जाम

लगातार चल रहे प्रदर्शन की वजह से बस के साथ बड़े वाहन समेत उत्तर बंग से दक्षिण बंग आने जाने वाले वाहनों को रोक दिया गया है. दैनिक यात्रियों के साथ ही दूर दराज के यात्रियों को भारी दिक्कत उठानी पड़ रही है. हालांकि पुलिस सड़क अवरोधकारियों से बात-चीत कर परिस्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन आदिवासी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. आदिवासी संगठन का कहना है कि जब तक राज्य कमेटी की ओर से आर्डर नहीं आता और मुख्यमंत्री जब तक हमारी मांगों को नहीं मानती तब तक हमारा यह 12 घंटा व्यापी हड़ताल जारी रहेगा. बताया जाता है की पश्चिम बंगाल में भारत ज़कात माझी परगना महल राज्य कमेटी लम्बे समय से अपनी मांग कर रही है लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है, इसलिए पश्चिम बंगाल राज्य कमेटी अपनी निम्नलिखित मांगों को लेकर 12 घंटे का हड़ताल बुलाइ है.

आदिवासियों का अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी

सुबह छह से शाम छह बजे तक सड़क अवरोध कर चक्का जाम किया जा रहा है. मांगों में मुख्य रूप से देउचा पचामी बीरभूम में ओपन कास्ट खदान परियोजना को रद्द करना होगा, वन अधिकार अधिनियम 2006 को सख्ती से लागू किया जाए, ग्राम सभा के माध्यम से एफआरसी समिति के गठन पर रोक लगाई जाए, संथाली माध्यम विद्यालयों में छात्रों को समय पर विषयवार पाठ्य पुस्तकें दी जाएं , प्रस्तावित वन संरक्षण नियम 2022 को निरस्त किया जाए, बी. एसटी/एसटी पहचान संशोधन वापस लिया जाए, तत्काल अलग साओतली शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाए, सारी धर्म कोड बिल को पश्चिम बंगाल विधान सभा में तत्काल पारित किया जाना चाहिए,साओतली माध्यम विद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की भर्ती में स्वयंसेवी शिक्षकों को तत्काल सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती किया जाए, फर्जी एसटी सर्टिफिकेट को रोका जाए, और जारी किए गए फर्जी सर्टिफिकेट तत्काल रद्द किए जाएं जैसी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी है.

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रिपोर्ट : मुकेश तिवारी पानागढ़

Shinki Singh
Shinki Singh
10 साल से ज्यादा के पत्रकारिता अनुभव के साथ मैंने अपने करियर की शुरुआत Sanmarg से की जहां 7 साल तक फील्ड रिपोर्टिंग, डेस्क की जिम्मेदारियां संभालने के साथ-साथ महिलाओं से जुड़े मुद्दों और राजनीति पर लगातार लिखा. इस दौरान मुझे एंकरिंग और वीडियो एडिटिंग का भी अच्छा अनुभव मिला. बाद में प्रभात खबर से जुड़ने के बाद मेरा फोकस हार्ड न्यूज पर ज्यादा रहा. वहीं लाइफस्टाइल जर्नलिज्म में भी काम करने का मौका मिला और यह मेरे लिये काफी दिलचस्प है. मैं हर खबर के साथ कुछ नया सीखने और खुद को लगातार बेहतर बनाने में यकीन रखती हूं.

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