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ईएसआइ अस्पताल में तोड़फोड़, सुविधाएं नहीं मिलने से भड़के लोग

सिलीगुड़ी: सही उपचार व सुविधाएं न मिलने से आक्रोशित लोगों ने आज माटीगाड़ा स्थित ईएसआइ अस्पताल में जम कर तोड़फोड़ की. साथ ही चिकित्सक समेत तीन कर्मचारियों की धुनाई कर दी. बाद में माटीगाड़ा थाना की पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उग्र माहौल शांत हुआ. नॉर्थ बंगाल इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के आक्रोशित सैंकड़ों […]

सिलीगुड़ी: सही उपचार व सुविधाएं न मिलने से आक्रोशित लोगों ने आज माटीगाड़ा स्थित ईएसआइ अस्पताल में जम कर तोड़फोड़ की. साथ ही चिकित्सक समेत तीन कर्मचारियों की धुनाई कर दी. बाद में माटीगाड़ा थाना की पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उग्र माहौल शांत हुआ.

नॉर्थ बंगाल इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के आक्रोशित सैंकड़ों कर्मचारी आज दोपहर ईएसआइ प्रबंधन से बातचीत करने गये, लेकिन अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा खराब ब्यवहार किये जाने के साथ ही लोग उग्र हो उठे. कर्मचारियों ने ईएसआइ के प्रबंधक सैमुएल नेबॉन, ईएमओ इंचार्ज डॉ पार्थ साहा एवं एक कर्मचारी राजकुमार की जमकर धुनाई कर दी.

माहौल उग्र होते देख ईएसआइ के अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी कामकाज छोड़ कर दफ्तर से भाग खड़े हुए. वही पहले से मौजूद मरीज व उनके परिजन भी बिना इलाज कराये अपने घर लौट गये. नॉर्थ बंगाल इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक मानिक दास, फिल्ड अफसर शशांक राय बीरखां बहादुर गुरुंग व अन्य लोगों का आरोप है कि कर्मचारियों का प्रत्येक महीने उनके वेतन से ईएसआइ के नाम पर इंश्योरेंस के रुपये जमा कर लिये जाते है. सही समय पर रुपये जमा नहीं होने पर ईएसआइ द्वारा कर्मचारियों के बैंक अकाउंट से जुर्माना लगा कर जमा कर लिया जाता है.

इसके बावजूद यहां कर्मचारियों की न तो सही तरीके से चिकित्सा होती है और न ही अन्य सुविधाएं मिलती है. ईएसआइ के अधिकारी व कर्मचारी सही तरीके से लोगों के साथ पेश भी नहीं आते. दवाओं के लिए भी यहां से बाहर का रास्ता मरीजों को दिखा दिया जाता है. आक्रोशित कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि ईएसआइ के साथ जिन नर्सिंग होमों का टाइअप है, उन नर्सिंग होमों में मरीजों को न ही भरती किया जाता है और न ही इलाज किया जाता है.

इसी तरह का आरोप मिलन मोड़ निवासी संदीप दयाली, 18 नंबर वार्ड के सुभाष पल्ली निवासी रहमती खातुन, बासु नर्सिंग होम की महिला कर्मचारी छाया सिंह, पल्टन वर्मन व अन्य लोगों ने लगाया है. परेश नगर निवासी बीरखां बहादुर गुरुंग का आरोप है कि वह दो साल पहले अपनी पत्नी चंद्र कुमारी गुरुंग का जब इलाज करवा रहा था, यहां से उन्हें दवाई नहीं दी गयी.

अधिकारियों ने कहा था कि बाहर से खरीद कर बिल जमा कर देने पर दवाओं के रुपये यहां से दे दिए जायेंगे. 18 मई 2012 को दो हजार 491 रुपये का बिल यहां जमा किया गया, लेकिन आज तक ये रुपये उन्हें वापस नहीं मिले. इस घटना के विरोध में ईएसआइ के सिलीगुड़ी शाखा के प्रबंधक सैमुएल नेबॉन ने कहा कि माटीगाड़ा थाना में उपद्रवियों के खिलाफ मारपीट व तोड़फोड़ किये जाने का मामला दर्ज कराया गया.

श्री नेबॉन ने बताया कि उपद्रवियों ने मेरे अलावा और दो कर्मचारियों को मार कर जख्मी किया है और मेज, कुरसी व कई डॉक्टरों के चेंबर में तोड़फोड़ कर लाखों का नुकसान किया गया. साथ ही आवश्यक दस्तावेजों को भी उपद्रवियों ने नष्ट कर दिया. इस घटना के मद्देनजर ईएसआइ के सिलीगुड़ी शाखा के उप निदेशक देवाशीष बरूआ से संपर्क करने की काफी कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.

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