लखनऊ: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी तंजील अहमद की हत्या की अब तक की जांच संकेत कर रही है कि ये आतंकी नहीं बल्कि निजी दुश्मनी के चलते हुई वारदात है.
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‘कहीं तंजील की हत्या निजी दुश्मनी का नतीजा तो नहीं….”
लखनऊ: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी तंजील अहमद की हत्या की अब तक की जांच संकेत कर रही है कि ये आतंकी नहीं बल्कि निजी दुश्मनी के चलते हुई वारदात है. इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस को तंजील के मोबाइल फोन का डाटा हासिल हो गया है, जो हत्या की असल वजह जानने में […]
इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस को तंजील के मोबाइल फोन का डाटा हासिल हो गया है, जो हत्या की असल वजह जानने में मददगार साबित हो सकता है. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि तंजील की मौत से जुडे कुछ व्यक्तिगत पहलुओं को हम बारीकी से देख रहे हैं. फोरेंसिक साक्ष्यों का भी आकलन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक की जांच में जो संकेत मिल रहे हैं, वे व्यक्तिगत कारणों की ओर इशारा कर रहे हैं. मामले की तह तक जल्द पहुंचने की उम्मीद है.’ आतंकी पहलू के बारे में पूछने पर चौधरी ने कहा कि इस पर पूरी नजर है. एटीएस की एक टीम अन्य एजेंसियों की मदद से इस दिशा में जांच कर रही है. लेकिन अब तक की जांच में संकेत मिल रहा है कि निजी दुश्मनी की वजह से ये हत्या हुई. इस बीच पुलिस महानिरीक्षक (आर्थिक अपराध शाखा) दीपक रतन ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि तंजील के मोबाइल फोन का डाटा हासिल हो गया है. ये मोबाइल गोलीबारी में क्षतिग्रस्त हो गया था.
उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन डाटा मिलने से जांच में मदद मिल सकती है. मामले की जांच के लिए छह टीमों का गठन किया गया है. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था), पुलिस महानिरीक्षक (एटीएस), पुलिस महानिरीक्षक :एसटीएफ: और मुरादाबाद के पुलिस उप महानिरीक्षक बिजनौर में कैम्प किए हुए हैं. रतन ने बताया कि पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है, जिसमें निजी और पेशेवर दुश्मनी शामिल है.
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