लखनऊ: सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के निलम्बन को रामपुर में प्राचीन मदरसा ढहाए जाने से जोड़कर टिप्पणी करने के बाद मुश्किलों में फंसे लेखक कंवल भारती ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश के ताकतवर मंत्री आजम खां के इशारे पर रामपुर की पुलिस ने उनकी जमानत को खारिज कराने के लिये अदालत में अर्जी दी है और वह अपनी सुरक्षा के लिये सरकार के आगे हाथ नहीं फैलाएंगे.
भारती ने टेलीफोन पर ‘भाषा’ से बातचीत में कहा कि आजम खां के इशारे पर पुलिस उनके साथ वैसा बर्ताव कर रही है जैसा आतंकवादियों के साथ किया जाता है. पुलिस ने रामपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में उनकी जमानत को खारिज किये जाने के आग्रह सम्बन्धी अर्जी दाखिल की है. वह देखेंगे कि पुलिस ने किस आधार पर जमानत निरस्त करने की मांग की है, उसके बाद वह 16 सितम्बर को नियत तिथि पर अपना जवाब दाखिल करेंगे.
भारती ने कहा कि वह भले ही मौत के साये में जी रहे हों लेकिन सरकार से अपनी सुरक्षा की मांग नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वह प्रदेश के नागरिक हैं और इस नाते उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है.उन्होंने आरोप लगाया ‘‘खां ने गत 23 जुलाई को रामपुर में 200 साल पुराना मदरसा गिरवाया था. वह मदरसा राष्ट्रीय धरोहर था. इस पर मैंने 29 जुलाई को फेसबुक पर सिर्फ इतना लिखा था कि जब गौतमबुद्धनगर की उपजिलाधिकारी दुर्गाशक्ति को मस्जिद गिराने पर निलम्बित किया जा सकता है तो रामपुर में मदरसा गिराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. यहां पर आजम खां का राज चलता है.’’
भारती ने कहा ‘‘खां को अपनी आलोचना किसी भी सूरत में बरदाश्त नहीं है और उनके मीडिया प्रभारी ने इस मामले में मुङो छह अगस्त को गिरफ्तार करा दिया मगर उसी दिन मुङो जमानत भी मिल गयी जिससे खां के मंसूबों पर पानी फिर गया. वह मेरे हाथ पैर तुड़वाना चाहते थे. अब वह चाहते हैं कि मेरी जमानत रद्द हो.’’ इस लेखक ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय में आजम खां, रामपुर के सिविल लाइंस के थानाध्यक्ष तथा खां के मीडिया प्रभारी के खिलाफ क्षतिपूर्ति की याचिका दाखिल की है. गौरतलब है कि रामपुर निवासी दलित चिंतक एवं लेखक कंवल भारती को फेसबुक पर सरकार विरोधी टिप्पणी करने के आरोप में गत छह अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था. उच्चतम न्यायालय ने भी भारती की गिरफ्तारी के तरीके पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था.