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यूपी में एसिड अटैक शिकार रानी को वेलंटाइन डे पर मिला यह तोहफा, जानकर झूम जायेंगे आप, पढ़ें

लखनऊ: नौ साल पहले एसिड अटैक का शिकार होकर अपनी आंखों की रोशनी गंवा देने वाली प्रमोदिनी उर्फ रानी को आज वेलेंटाइन डे पर एक अनोखा तोहफा मिला. रानी के संग सरोज साहू नामक उस युवक ने सगाई रचाई है. जिसे उसकी देखभाल करने के दौरान उससे प्यार हो गया था. उड़ीसा के जगतपुर सिंह […]

लखनऊ: नौ साल पहले एसिड अटैक का शिकार होकर अपनी आंखों की रोशनी गंवा देने वाली प्रमोदिनी उर्फ रानी को आज वेलेंटाइन डे पर एक अनोखा तोहफा मिला. रानी के संग सरोज साहू नामक उस युवक ने सगाई रचाई है. जिसे उसकी देखभाल करने के दौरान उससे प्यार हो गया था. उड़ीसा के जगतपुर सिंह पुर में 2009 में कक्षा 12 की छात्रा रानी को कॉलेज से लौटते वक्त अक्सर एक लड़का परेशान करता था. यह एकतरफा प्यार का मामला था और रानी की ना को बर्दाश्त नहीं कर पाने पर इस लड़के ने उसके उपर एसिड डाल दिया था. एसिड से रानी की आंखों ने ख्वाबों से ही किनारा कर लिया. नौ साल पहले वह आईना भी देखने से कतराती थी.

ऐसिड अटैक ने उसके जिस्म को ही नहीं रूह को भी झुलसा दिया था. वहीं रानी आज प्यार के गीत गुनगुना रही है. 25 साल की रानी को जिंदगी में दोबारा मुस्कुराने का हौसला दिया है, उससे मोहब्बत करने वाले 26 साल के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव सरोज साहू ने. लखनऊ के शिरोज हैंग आऊट कैफे में आज सगाई करने वाली प्रमोदिनी उर्फ रानी नेमीडिया विशेष बातचीत में बताया कि 2009 में जब मेरे ऊपर एसिड से हमला हुआ था तो मैं अस्सी फीसदी तक झुलस गयी थी, मेरी आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गयी थी और बिल्कुल देख नहीं पाती थी, चलने फिरने से भी मजबूर थी. करीब नौ महीने तक उड़ीसा के एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू में रहने के बाद पैसों के अभाव में मेरे परिवार वाले मुझे घर वापस ले आये.

रानी बताती हैं कि पांच साल तक बिस्तर पर रहने के बाद एक प्राइवेट हॉस्पिटल में मुझे एडमिट कराया गया। यह 2014 की बात है. वही पर एक नर्स थीं, जो अपने साथ एक दिन अपने दोस्त सरोज को लेकर आईं. वह मेडिकल रिप्रेजें​टेटिव थे और वह अक्सर अस्पताल आते रहते थे.वह सरोज को दिखाना चाहती थीं कि मेरी क्या हालत है. सरोज जब मुझसे मिले तो उन्हें लगा कि इस लड़की को सहारे की जरूरत है. वह मुझसे अक्सर मिलने आने लगे. डॉक्टर ने कह दिया था कि रानी के पैर को ठीक होने में नौ दस महीने लग जाएंगे लेकिन सरोज ने डॉक्टर से कहा कि वह रानी को चार महीने में अपने पैरों पर खड़ा करके दिखा देगा और उसने ऐसा करके भी दिखाया.

रानी बताती हैं कि वह अपने सहारे से मुझे चलाते, समय पर दवा देते और पूरा ध्यान रखते. उनकी मेहनत रंग लाई और मैं चार महीनों में अपने पैरों पर खड़ी होने लगी. मेरा ख्याल रखने की खातिर उन्होंने अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी. वह बताती है कि फिर मैं स्टाप एसिड अटैक कंपेन से जुडी और पांच जनवरी 2016 को बेहतर इलाज के लिये दिल्ली आ गयी. लेकिन सरोज उड़ीसा में ही रह गये थे. रानी के साथ मौजूद सरोज साहू ने कहा कि उस वक्त तक वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी, लेकिन जब वह मुझसे दूर हुई और दिल्ली चली गई. तब मुझे अहसास हुआ कि मैं रानी के बिना अधूरा हूं.

उसी साल 14 जनवरी की रात को मैंने रानी को रात 11 बजे फोन कर प्यार का इजहार किया और शादी की इच्छा जतायी. हालांकि, रानी शुरू में राजी नहीं थी. उसका कहना था कि मैं देख नहीं पाती हूं, अपना काम तो कर नहीं पाती किसी की पत्नी कैसे बनूंगी. फिर रानी ने अपनी आंखों का इलाज करवाया, जब उसकी एक आंख में बीस प्रतिशत रोशनी आ गयी,तब उसने मेरे प्रस्ताव को स्वीकार किया. आज रानी देख भी सकती है और अपना काम भी खुद कर सकती है. रानी और सरोज आज स्टाप एसिड अटैक कंपेन द्वारा संचालित शीरोज कैफे में सगाई के बंधन में बंध गये. स्टाप एसिड अटैक कंपेन लखनऊ में आलोक दीक्षित चलाते है और उनके द्वारा चलाये जाने वाले शीरोज हैंग आऊट कैफे में एसिड अटैक का शिकार लड़कियां ही काम करती है.

आज रानी और सरोज की सगाई का पूरा इंतजाम भी दीक्षित ने ही किया था. सरोज का कहना है कि वह और रानी शादी के बाद उड़ीसा में स्टाप एसिड अटैक कंपेन चलायेंगे और शीरोज हैंग आऊट कैफे चलाकर एसिड अटैक की शिकार लड़कियों को रोजगार देंगे. रानी और सरोज से जब पूछा गया कि अब शादी का क्या इरादा है, ‘इस पर दोनो ने मुस्कुराते हुये कहा कि अगले साल शायद आज ही के दिन.


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