कासगंज : यूपी के कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौके पर भड़कीसांप्रदायिक हिंसा के बीच अफवाहों के हाथों मारे गये राहुल उपाध्याय आखिरकारमीडियाके सामने आयेऔर बताया कि कैसे सोशल मीडिया पर चल रहीं उनके मारे जाने की खबरें बेबुनियाद हैं. मीडिया से बातचीतमें उन्होंने अपनी मौत की अफवाहों का सच सबके सामने रखते हुए कहा कि मेरे कुछ दोस्तों ने सोशल मीडिया पर चल रहीं मेरे मरने की खबरों के बारे में मुझे बताया, लेकिन मैं हिंसा के वक्त कासगंज में नहीं था. मैं अपने गांव गया था. मैं बिल्कुल ठीक हूं.
One of my friends informed me of rumours on social media about me getting killed during #KasganjClashes, but I was not present in #Kasganj at the time of riots. I had gone to my village. I am absolutely fine:Rahul Upadhyay, the news of whose death was doing rounds in social media pic.twitter.com/ENj14gDbaW
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 30, 2018
राहुल के लिए श्रद्धांजलि सभा तक की जा चुकी थी आयोजित
बतादें कि कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में दो युवकों के मारे जाने की खबरें आ रही थीं, जिनमें से एक नाम 22 साल के अभिषेक (चंदन) गुप्ता और एक अन्य नाम राहुल उपाध्याय का था. लेकिन, राहुल उपाध्याय ने अब खुद सामने आकर स्पष्ट किया है कि वह जिंदा हैं और बिल्कुल ठीक हैं. राहुल ने पहले बताया था कि इंटरनेट बंद होने के कारण वह अपनी मौत का खंडन नहीं कर पा रहे थे. गौरतलब है कि राहुल की मौत की अफवाहों के बाद कई जिलों में राहुल के लिए श्रद्धांजलि सभा तक आयोजित की जा चुकी थी.
सोशल मीडिया पर मौत की उड़ी थी अफवाह
दरअसल, कुछ शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया पर उनकी मौत की अफवाह उड़ा दी थी. खुद राहुल उपाध्याय (24) को इसका पता तब लगा, जब उनके पास कईलोगों के फोन आने लगे और उनसे कुशल-क्षेम पूछा जाने लगा. उनसे यह भी पूछा गया कि उनकी मौत हो गयी है या वह जिंदा हैं. शुरुआत में तो यह सब उन्हें मजाक लगा, पर कई लोगों ने जब उन्हें उनकी मौत से जुड़ी खबरों के स्क्रीनशॉट भी भेजे, तो उन्हें लगा कि इसमें कुछ गड़बड़ है. इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया.
पुलिस ने भी ली राहत की सांस
राहुल उपाध्याय के सामने आने के बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली है. अलीगढ़ के आईजी संजीव गुप्ता ने कहा, हम लोग भी काफी हैरान थे, क्योंकि जहां हिंसा हुई, वहां इस नाम का कोई भी शख्स नहीं रहता था. कुछ लोग अफवाह फैला कर दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने ही राहुल को मीडिया से संपर्क करने और अपने बारे में बताने की सलाह दी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि राहुल के सामने आकर सच बयां करने के बाद लोग अफवाहों पर ध्यान नहीं देंगे.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी तस्वीर
कासगंज हिंसा में राहुल उपाध्याय के मारे जाने के साथ-साथ एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी, जिसे उसकी तस्वीर ही बताया जा रहा था, लेकिन इस बीच उस तस्वीर का खुलासा भी हुआ है. रिपोर्ट्स के अनुसार, यह तस्वीर मुंबई के एक युवक की है, जिसकी 26 जनवरी को ही सड़क दुर्घटना में मुंबई में मौत हुई. उसका कासगंज तो दूर यूपी से भी कोई लेना-देना नहीं है.
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