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वाराणसी में गंदगी करने वालों की अब खैर नहीं, 1 लाख रुपये तक का होगा चालान, नगर निगम ने किया ऐलान

वाराणसी में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम बहुत ही ज्यादा एहतियात बरत रहा है. मगर लोगों का साथ न मिलने की वजह से निगम भी परेशान है. सबसे ज्यादा दिक्कत शहर के पुराने इलाकों से आ रही है. यहां पर स्थिति यह है कि साफ-सफाई होने के बाद लोग गलियों में कूड़ा फेंकने लग रहे हैं.

Varanasi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में स्वच्छता अभियान के लिए जोर-शोर से प्रयास किये जा रहे हैं. ऐसे में कुछ नागरिकों के मनमानी रवैये के चलते शहर की साफ-सफाई पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में स्वच्छता से खिलवाड़ करने वाले नागरिकों को लेकर सरकार सख्‍त कदम उठाने जा रही है. कूड़ा कचरा फेंकने से लेकर इधर-उधर शौच करने या फिर यूरिनल की जगह सार्वजनिक स्थान पर गंदगी करना आदि को लेकर वाराणसी नगर निगम (VMC) चालान की कड़ी कार्रवाई करेगा.

फुटेज सबूत के तौर पर काम करेंगे

वाराणसी में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम बहुत ही ज्यादा एहतियात बरत रहा है. मगर लोगों का साथ न मिलने की वजह से निगम भी परेशान है. सबसे ज्यादा दिक्कत शहर के पुराने इलाकों से आ रही है. यहां पर स्थिति यह है कि साफ-सफाई होने के बाद लोग गलियों में कूड़ा फेंकने लग रहे हैं. ऐसे प्वाइंट चिह्नित किए जा चुके हैं. इनकी सीसीटीवी कैमरे से निगरानी हो रही है. जो लोग नहीं मानेंगे उनके फुटेज सबूत के तौर पर काम करेंगे. पहले छोटी रकम वसूली जाएगी और बार-बार कार्रवाई होने के बाद भी न मानने पर बड़ी रकम वसूली जाएगी.

‘लोग हैं कि सुधर ही नहीं रहे’

नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में बनारस को नंबर वन बनाने के लिए चालान की पूरी लिस्ट तैयार की है. इसमें सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फैलाने से लेकर घाटों की सीढ़ियों डिवाइडर पर पोस्टर चिपकाने और अन्य अलग-अलग तरह की हरकतों को दर्ज किया गया है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत बनारस से की थी. इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी बहुत बड़ी है. बनारस को नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर एक करने के लिए हर हथकंडे अपना रहा है. मगर लोग हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.

एक नजर चालान की रकम पर…

  • सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फेंकने या फैलाने और पर 200 रुपये

  • सार्वजनिक स्थल पर थूकने यूरिन करने पर 100 रुपये

  • खुले में शौच करने पर 500 रुपये

  • सार्वजनिक स्थल पर वाहनों, कपड़े धोने और नदी तालाब कुंड में गंदगी फैलाने पर 500 रुपये

  • घाटों की सीढ़ियों रोड डिवाइडर, नेमप्‍लेट, मार्गदर्शक बोर्ड, सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत रूप से पोस्टर या बैनर लगाने पर 500 रुपये

  • पालतू पशुओं को सार्वजनिक स्थलों पर खुला छोड़ने पर और उनके मलमूत्र करने पर 500 रुपये

  • सीवर सिस्टम में गंदगी फेंकने, गोबर बहाने इत्यादि किसी भी तरह की गंदगी फैलाने पर 1000 से 10,000 रुपये

  • कूड़ेदान में स्टोरेज कंटेनर के बाहर कूड़ा फेंकने पर 500 रुपये

  • शव का सही तरीके से निस्तारण न होने पर 1000 रुपये

  • अपने परिसर को स्वच्छ रखने पर असफल होने पर 500 से 2000 (इसमें मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, अपार्टमेंट, शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाएं शामिल हैं)

  • दुकान, रेहड़ी, ठेले के साथ कूड़ेदान न रखने पर 100 रुपये

  • सार्वजनिक सम्मेलन समारोह के बाद गंदगी फैलाने और कूड़ा कचरा सड़क पर फेंकने पर 5000 रुपये

  • गंगा घाट पर कपड़ा धोने पर पहली बार में 5000 और तृतीय बार में 25000 रुपये

  • पूजा सामग्री, कपड़े, शीशा, मूर्तियां गंगा में फेंकने पर 10000 रुपये

  • गंगा किनारे मूत्र विसर्जन करने पर 1000 रुपये

  • गंगा किनारे खुले में शौच करने पर 2000 रुपये

  • गंगा किनारे के भवन स्वामी द्वारा गंगा में नाली और सीवरेज मिलाने पर 25,000 रुपये

  • गंगा के किनारे होटल, गेस्टहाउस, रेस्टोरेंट द्वारा गंगा में नाली या सीवरेज या गंदगी फेंकने पर 1,00,000 रुपये

  • सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर 1000 से 25000 रुपये तक का चालान

रिपोर्ट : विप‍िन स‍िंह

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