38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Kanpur Ganga Mela: जानिए कानपुर की सात दिन वाली होली की कहानी, क्यों मनाया जाता है गंगा मेला?

यह प्रथा शुरू हुई थी ब्रिटिश कॉल में. साल था 1942. कानपुर का दिल कही जाने वाली जगह हटिया से. हटिया से लोहा, स्टील, कपड़ा और गल्ले का व्यापार होता है. यहीं क्रातिकारियों का जमावड़ा लगता था. बताते हैं कि होली वाले दिन हटिया बाजार में रज्जन बाबू पार्क में कुछ नौजवान क्रांतिकारी होली का जश्न मना रहे थे...

Holi 2022: कानपुर को क्रांतिकारियों का शहर भी कहा जाता है. इसका इतिहास भी गवाह है. यहां पर 7 दिनों तक होली का रंग खेला जाता है. सातवें दिन गंगा मेला होता है. इस प्रथा के शुरू होने के पीछे बड़ी ही रोचक कहानी है.

1942 से मनाई जा रही प्रथा
Undefined
Kanpur ganga mela: जानिए कानपुर की सात दिन वाली होली की कहानी, क्यों मनाया जाता है गंगा मेला? 5

यह प्रथा शुरू हुई थी ब्रिटिश कॉल में. साल था 1942. कानपुर का दिल कही जाने वाली जगह हटिया से. हटिया से लोहा, स्टील, कपड़ा और गल्ले का व्यापार होता है. यहीं क्रातिकारियों का जमावड़ा लगता था. बताते हैं कि होली वाले दिन हटिया बाजार में रज्जन बाबू पार्क में कुछ नौजवान क्रांतिकारी होली खेल रहे थे और साथ ही आजादी के नारे लगा रहे थे. अंग्रेजी हुकूमत कीपरवाह किए बिना उन्होंने वहां पर तिरंगा भी फहराया. इसकी भनक जब अंग्रेजी हुक्मरानों को लगी तो करीब एक दर्जन से ज्यादा सिपाही घोड़े पर सवार होकर आए और झंडा उतारने लगे. इसे लेकर होली खेल रहे नौजवानों और अंग्रेजों के बीच में संघर्ष शुरू हो गया.

Also Read: Kanpur News : कानपुर में नहर और गंगा नहाने गए 10 लोग डूबे, सात के शव मिले, तीन लापता 45 लोगों की गिरफ्तारी से भड़क उठे थे सभी
Undefined
Kanpur ganga mela: जानिए कानपुर की सात दिन वाली होली की कहानी, क्यों मनाया जाता है गंगा मेला? 6

अंग्रेज हुक्मरानों ने गुलाब चंद्र सेठ, बुद्धलाल मेहरोत्रा, नवीन शर्मा, विश्वनाथ टंडन, हमीद खान, गिरिधर शर्मा समेत करीब 45 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसके बाद लोग विरोध पर उतर गए. मजदूर, साहित्यकार, व्यापारी और आम जनता सबने काम करने से मना कर दिया. आस-पास के ग्रामीण इलाकों का भी व्यापार बंद हो गया. मजदूरों ने फैक्ट्री में काम करने से मना कर दिया. ट्रांसपोर्टर ने चक्का जाम कर सैकड़ों ट्रकों को खड़ा कर दिया. सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए.

Also Read: UP MLC Election 2022: एमएलसी चुनाव को लेकर BJP में खींचतान शुरू, कानपुर में एक सीट पर आठ दावेदार क्रांतिवीरों के साथ सबने खेली होली
Undefined
Kanpur ganga mela: जानिए कानपुर की सात दिन वाली होली की कहानी, क्यों मनाया जाता है गंगा मेला? 7

क्षेत्र की महिलाएं और बच्चे उसी पार्क में धरने पर बैठ गए. ठप्प हुए व्यापार से अंग्रेज परेशान हो गए. एक अंग्रेज अफसर को उस पार्क में आना पड़ा जहां 4 घंटे तक बातचीत चली. इसके बाद क्रांतिकारियों को होली के 6 दिन बाद अनुराधा नक्षत्र पर रिहा किया गया. पूरा शहर उनको लेने जेल के बाहर एकत्रित हो गया. जेल से रिहा हुए क्रांतिकारी के चेहरों पर रंग लगा हुआ था. जेल से रिहा होने के बाद जुलूस पूरा शहर घूमते हुए हटिया बाजार में आकर खत्म हुआ. उसके बाद क्रांतिवीरों के साथ लोगों ने जमकर होली खेली. तब से चली आ रही इस परंपरा को हर साल निभाया जाता है.

Also Read: Holi 2022: कानपुर में डीजे की धुन पर थिरके पुलिसकर्मी, तसवीरों में देखिए खाकी की होली अब कुछ ऐसे होता है गंगा मेला
Undefined
Kanpur ganga mela: जानिए कानपुर की सात दिन वाली होली की कहानी, क्यों मनाया जाता है गंगा मेला? 8

गंगा मेला के दिन यहां पर भीषण होली होती है. सुबह ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान होता है. क्रांतिकारियों को नमन करने के बाद रंग का ठेला निकलता है. साथ में टैक्टर्स पर रंग भरे ड्रमों के साथ ऊंट-घोड़े आदि भी चलते हैं. बिरहाना रोड, जनरल गंज, मूलगंज, चौक, मेस्टन रोड होते हुए कमला टावर आदि जगह से ठेला गुजरता है. जहां रास्ते में पुष्पवर्षा होती है. लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं. ठेले पर होली का जुलूस निकाला जाता है. ये जुलूस कानपुर के करीब एक दर्जन मोहल्ले में घूमता हुआ दोपहर के 2 बजे रज्जन बाबू पार्क में आकर समाप्त होता है. इसके बाद शाम को सरसैया घाट पर गंगा मेला का आयोजन किया जाता है, जहां लोग एकत्रित होते हैं. एक-दूजे को होली की बधाई देते हुए रंग भी खेलते हैं.

रिपोर्ट : आयुष तिवारी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें