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महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘प्याज के मामले पर सरकार किसानों के साथ’, विपक्ष ने किया पलटवार

प्याज की कीमत को लेकर विवाद जारी है. महाराष्ट्र के नासिक में हुए हंगामे के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान आया है. उन्होंने कहा कि प्याज के मामले में राज्य सरकार किसानों के साथ है. NAFED के 13 केंद्रों पर खरीद चल रही है.

Onion Price : प्याज की कीमत को लेकर विवाद जारी है. महाराष्ट्र के नासिक में हुए हंगामे के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान आया है. उन्होंने कहा कि प्याज के मामले में राज्य सरकार किसानों के साथ है. आगे उन्होंने कहा कि NAFED के 13 केंद्रों पर खरीद चल रही है. इन केंद्रों पर खरीद बढ़ाने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से अनुरोध किया गया है. एकनाथ शिंदे ने यह भी कहा कि NAFED द्वारा अब तक 500 मीट्रिक टन प्याज खरीदा जा चुका है. पत्र के माध्यम से किसानों के पास प्याज की उपलब्धता को देखते हुए क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया गया है.

‘महाराष्ट्र सरकार में समन्वय का अभाव’

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने प्याज पर लगाए गए निर्यात शुल्क को लेकर राज्य में जारी आंदोलन के लिए गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन सरकार ”पूरी तरह से नीतिगत जड़ता” का प्रदर्शन कर रही है और इसमें समन्वय का अभाव है. नासिक में किसान और विक्रेता सोमवार से केंद्र सरकार के प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा 19 अगस्त को लिया गया यह निर्णय 31 दिसंबर तक के लिए है.

एपीएमसी में प्याज की नीलामी सोमवार से प्रभावित

लासलगांव समेत नासिक के एपीएमसी में प्याज की नीलामी सोमवार से प्रभावित है जबकि किसान भी निर्यात शुल्क के फैसले को रद्द करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे. किसानों ने चंदवाड़ में मुंबई-आगरा राजमार्ग को अवरूद्ध किया, जिन्हें पुलिस ने बाद में हटा दिया. राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैं पिछले चार महीनों से सोशल मीडिया के माध्यम से (केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री) पीयूष गोयल के साथ प्याज का मुद्दा उठा रही हूं. मैंने उन्हें बताया कि देश में प्याज का अत्यधिक उत्पादन हुआ है और दुनिया के कुछ हिस्सों में इसकी कमी है.’

केंद्र से एक स्पष्ट नीति लाने का अनुरोध

उन्होंने कहा, ‘मैंने प्याज निर्यात के अवसर के बारे में बात की और (केंद्र से) एक स्पष्ट नीति लाने का अनुरोध किया, लेकिन दुर्भाग्य से, कुछ नहीं किया गया.’ राकांपा नेता ने दावा किया, ‘एकनाथ शिंदे की प्रदेश सरकार भ्रमित है, क्योंकि इसके कृषि मंत्री इस मुद्दे पर गोयल से मिलने दिल्ली गये थे, लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर ‘‘कुछ अलग’’ बताया.’

‘राज्य सरकार में पूरी तरह से नीतिगत जड़ता’

बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने कहा, ‘‘इससे प्रदर्शित होता है कि समन्वय की कमी है . राज्य सरकार में पूरी तरह से नीतिगत जड़ता है.’’ यह पूछे जाने पर कि वह सरकार में नीतिगत जड़ता की बात कर रही हैं जबकि इसमें अजित पवार भी शामिल हैं, जो एक अच्छे प्रशासक माने जाते हैं, सुले ने कहा कि एक व्यक्ति के काम करने में और पूरी सरकार की नीतिगत जड़ता में काफी अंतर है.

निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया

आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर बढ़ती कीमतों के संकेतों के बीच केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए इसके निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया था. निर्यात शुल्क वित्त मंत्रालय द्वारा एक अधिसूचना के माध्यम से लगाया गया था और यह 31 दिसंबर तक लागू रहेगा. यह पहला मौका है जब प्याज पर निर्यात शुल्क लगाया गया है. इस बीच किसानों ने दावा किया है कि सरकार के इस कदम से घरेलू बाजार में प्याज की बहुतायत हो जाएगी, जिससे कीमतें गिर जाएंगी और किसानों को भारी नुकसान होगा.

कम कीमतों के कारण नीलामी बंद कर दिया गया

नासिक के कुछ एपीएमसी में गुरुवार को प्याज की नीलामी शुरू हुयी लेकिन कम कीमतों के कारण इसे कुछ देर बाद ही बंद कर दिया गया. प्याज की नीलामी सोमवार से बंद थी. इस बीच करीब 500 किसानों ने प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाने के विरोध में मुंबई-आगरा राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि देश के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव के साथ-साथ पिंपलगांव और चंदवाड़ में एपीएमसी में सुबह नीलामी शुरू हुई, लेकिन कुछ समय बाद कम कीमत के कारण इसे रोक दिया गया.

एनसीसीएफ ने प्याज की कीमत 2,410 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की

उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के शीर्ष संगठन नेफेड और एनसीसीएफ ने प्याज की कीमत 2,410 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की थी. उन्होंने बताया कि किसानों को इतनी रकम न मिल पाने और इससे कम कीमतों के कारण प्याज की नीलामी आज रोकी गयी. अधिकारियों ने बताया कि किसानों ने इसलिये भी नीलामी रोक दी क्योंकि मौके पर नेफेड या भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था.

एक अधिकारी ने बताया, ‘लासलगांव में, प्याज से लदे लगभग 300 वाहन सुबह नीलामी के लिए पहुंचे, प्रति क्विंटल न्यूनतम कीमत 600 रुपये जबकि अधिकतम मूल्य 2,500 रुपये और औसत कीमत 2,251 रुपये थी. चंदवाड़ में कीमत 1700-1800 रुपये प्रति क्विंटल थी.’ अधिकारी ने बताया कि नीलामी सुबह 8:30 बजे शुरू हुई, लेकिन केवल 15-20 मिनट तक चली क्योंकि किसान नाखुश थे. नीलामी दोपहर तक दोबारा शुरू नहीं हुई थी और अधिकारियों ने दोपहर बाद नीलामी होने की उम्मीद जतायी.

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