34.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Jharkhand news:फूलों की खेती के सहारे सिमडेगा में सखी मंडल की दीदियां बन रही आत्मनिर्भर,लोगों को मिलेगा रोजगार

jharkhand news: फूलों की खेती के सहारे सिमडेगा की सखी मंडल की दीदिया आत्मनिर्भर बन रही है. फूलों की खेती को बढ़ावा देने से ग्रामीणों को रोजगार मिलने के आसार भी बढ़ गये हैं.

Jharkhand news: सिमडेगा जिला अंतर्गत कोलेबिरा प्रखंड के एडेगा पंचायत की कंचन महिला सखी मंडल, पोगलोया वरटोली और शांति महिला सखी मंडल की दीदियों द्वारा फूल की खेती एवं फूल से निर्मित मालाओं की बिक्री कर आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही है. बता दें कि सिमडेगा जिला सहित झारखंड के दूसरे जिलों में भी फूल व फूलमाला की मांग बढ़ने लगी है.

पोगलोया वरटोली एवं पोगलोया गंझूटोली के पार्वती सखी महिला मंडल एवं लक्ष्मी सखी महिला मंडल द्वारा गेंदा फूलों की खेती की जा रही है. खेत में होनेवाले गेंदा की फूलों की माला बनाकर बाजार में बेचा जा रहा है. गेंदा फूलों की खेती कर ग्रामीण महिलाएं सशक्त हो रही हैं.

गेंदा फूलों की माला बनाकर बेचा जाता है. गेंदा फूलों को हमेशा ताजा रखने के लिए फूल तथा फूल से बने मालाओं को रामजडी बाजार टांड स्थित सोलर कोल्ड स्टोर में रखा जाता है. कंचन सखी महिला मंडल की दीदी शांति देवी ने बताया कि महिला मंडल से जुड़कर करने के बाद से उनकी आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है. साथ ही गांव में हर कार्य समूह की महिलाओं के कारण आसानी से हो जाती है.

Also Read: Tata Steel Jobs: टाटा स्टील में अब ट्रांसजेंडर भी कर सकेंगे नौकरी, झारखंड के 6 किन्नरों को मिला जॉब

समूह की सभी महिलाएं मेहनत करते हुए मिल-जुलकर कार्य करती हैं. महिला मंडल से जुड़कर आमदनी भी हो रही है. गांव घर में महिलाएं अब रुपये बचत करने के तरीके भी जान रही है. गेंदे की फूल की खेती कर अच्छी आमदनी हो रही है. अब महिलाएं फूलों की खेती तथा फूलों की माला बनाने के रोजगार से जुड़ गई है.

कंचन सखी महिला मंडल की शांति देवी, सोमारी देवी, बैजंती देवी, कमला देवी, सुशिला देवी, सुजता देवी, कांता देवी, सुषमा देवी, जाटी देवी, शांति सखी महिला सखी मंडल पुष्पा देवी, धीरा देवी, शीतला देवी, अलका देवी, एरावती देवी, द्रोपती देवी, तारामुनी देवी, सीता देवी, सुखमनी देवी, विमला देवी, लीलावती देवी शामिल है.

आर्थिक स्थिति बेहतर हुई

सखी मंडल की महिला समूह से जुड़ी कमला देवी ने कहा कि पहले वे लोग परंपरागत खेती करते थे. जिससे उनके घर-परिवार मुश्किल से चलता था, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद वो लोग पहली बार फूल की खेती की. पहली बार में ही फूल की बहुत अच्छी फसल हुई. फूल की खेती से महिला समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हुई है. कमला देवी ने बताया कि अब वो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकती है. परिवार का भी बेहतर तरीके से भरण-पोषण कर सकती है.

Also Read: गुमला में बारिश ने धीमी की गेहूं की खेती, रबी की खेती अच्छी
फूल की खेती को बढ़ावा देने से लोगों को मिलेगा रोजगार

जिले में फूल की खेती की अपार संभावनाएं हैं. जिले में फूलों की भी जबरदस्त डिमांड है. जिले में पर्व-त्योहार के अलावा शादी- विवाह के मौसम में राउरकेला, रांची, कोलकाता से फूल जिले में मंगाये जाते हैं. फूल काफी ऊंचे दामों पर भी मिलता है. अगर जिले में फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाये, तो काफी संख्या में लोगों को इससे रोजगार मिलेगा. साथ ही उपयुक्त कीमत पर जिले के लोगों को फूल भी आसानी से मिल सकेगी.

रिपोर्ट: रविकांत साहू, सिमडेगा.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें