सरायकेला. ऑपरेशन थियेटर से निकलने वाले दूषित पानी के शोधन व संक्रमण से बचाव के लिए सदर अस्पताल सरायकेला में 12 लाख की लागत से पांच माह पूर्व एक एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (इटीपी) का निर्माण कराया गया था. संवेदक को एक वर्ष तक इसका मेंटेनेंस करना था. लेकिन इटीपी की साफ-सफाई व सही से देखरेख नहीं होने के कारण इसका टैंक बजबजा रहा है. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. इस प्लांट के टैंक में कई माह से स्टोर पानी को न तो प्यूरीफाइ किया गया है और न ही उसकी निकासी की गयी है, जिससे प्लांट के निर्माण को लेकर ही सवाल उठने लगे हैं. हालांकि, इसमें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही साफ दिख रही है. अस्पताल प्रबंधन की ओर से सही से देखरेख नहीं किये जाने के कारण संवेदक की ओर से जमा पानी का ट्रीटमेंट नहीं किया जा रहा है, न ही टैंक की साफ-सफाई हो रही है.
टंकी में जमे पानी में लग रहे कीड़े :
इटीपी के जिस टैंक में लेबोरेटरी, ब्लड बैंक एवं ऑपरेशन थिएटर से निकलने वाले दूषित पानी को एकत्रित किया जाता है, उस टैंक के पानी की बीते कई माह से निकासी नहीं हई है और ना ही उसे प्यूरीफाई किया गया है. लंबी अवधि तक पानी जमा रहने से उसमें कीड़े पनपने लगे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ गया है. इससे अस्पताल के प्रबंधन की व्यवस्था की पोल खुल गयी है.जलजमाव पर जागरूक करने वाला विभाग ही बरत रहा लापरवाही :
जिले में डेंगू व मलेरिया जैसी मच्छर जनित गंभीर बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जल जमाव के विरुद्ध जागरूक करने वाला स्वास्थ्य विभाग ही लापरवाही बरत रहा है. विभाग वैसी जगह लापरवाही बरत रहा है, जहां प्रतिदिन जिले के सैकड़ों लोग अपनी बीमारी का इलाज कराने पहुंचते हैं.दूषित पानी के शोधन के लिए लगा था प्लांट
प्लांट लगाने से पूर्व सदर अस्पताल की लेबोरेटरी, ब्लड बैंक एवं ऑपरेशन थिएटर से निकलने वाला रक्त युक्त पानी नाली में बहा दिया जाता था, जिससे संक्रमण का खतरा था. संक्रमण से बचाव को लेकर करीब पांच माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल परिसर में इटीपी लगाया गया था. प्लांट लगाने पर विभाग की ओर से करीब 12 लाख रुपये खर्च किये गये थे. प्लांट से अस्पताल की लेबोरेटरी, ब्लड बैंक एवं ऑपरेशन थिएटर से निकलने वाले दूषित पानी को प्यूरीफाई कर उसका इस्तेमाल बागवानी अथवा अन्य कार्य के लिए किया जाना था.कोट
–
प्लांट को लेकर जानकारी नहीं थी, जब प्लांट है, तो साफ-सफाई क्यों नहीं हुई है, इसकी जानकारी ली जायेगी. जल्द साफ-सफाई करायी जायेगी.– डॉ एसपी सिंह,
सिविल सर्जन, सरायकेला-खरसावांडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

