खरसावां. खरसावां के बाल विकास परियोजना कार्यालय में ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण में आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रारंभिक बाल्यकाल की शिक्षा और पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन बीडीओ सह सीडीपीओ प्रधान माझी ने किया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा देशभर में शिशु पोषण और प्रारंभिक शिक्षा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसका उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि खेल-खेल में पढ़ाई की तकनीक से बच्चों का मन शिक्षा में लगता है और वे सहज रूप से सीखते हैं. शून्य से तीन वर्ष और तीन से छह वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए उम्र के अनुसार गतिविधियां, पोषण और प्रारंभिक शिक्षा पर सेविकाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
पोषक तत्वों की महता पर बल दिया गया:
प्रधान माझी ने यह भी कहा कि बच्चों के स्वस्थ मानसिक और शारीरिक विकास के लिए संतुलित आहार और सही जीवनशैली जरूरी है. जब बच्चे स्वस्थ और पोषित होंगे, तभी वे बेहतर सीखने में सक्षम होंगे. प्रशिक्षण के दौरान फल, सब्जियों और पोषक तत्वों की महत्ता पर विशेष बल दिया गया. कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में महिला पर्यवेक्षिका शांति हेम्ब्रम, विनिता खैश और चंद्रावती आल्ड्रा मौजूद रहीं. आंगनबाड़ी सेविकाओं ने प्रशिक्षण में सक्रिय भागीदारी दिखाते हुए पोषण और शिक्षा के समन्वय को लेकर कई सवाल भी पूछे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

