पेशा कानून और सीएनटी एक्ट पर कार्यशाला, बोले वक्ता
खरसावां : कुचाई के दलभंगा में बकास्त मुंडारी खुंटकट्टी रक्षा एवं विकास समिति (39 मौजा) के तत्वावधान में पेशा कानून, सीएनटी एक्ट, वनाधिकार कानून, ग्राम सभा, विस्थापन की समस्या पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए सुरेश चंद्र सोय ने कहा कि झारखंड में आदिवासी-मूलवासियों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है और आदिवासियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है.
उन्होंने कहा कि जब तक कॉरपोरेट घरानों के हित में कानून बनता रहेगा, तब तक आदिवासियों के अस्तित्व पर खतरा बना रहेगा. इसके लिए उन्होंने आदिवासी जनप्रतिनिधियों को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि राज्य में आदिवासी मूलवासियों के हित में कानून बनाने की जरूरत है.
झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के कोल्हान प्रभारी सोहन लाल कुम्हार ने सीएनटी एक्ट, पेशा कानून व वनाधिकार कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने की वाकलत करते हुए कहा कि सीएनटी एक्ट आदिवासियों की जमीन का रक्षा कवच है.
आश्रीता कुट्टी ने कहा कि झारखंड विस्थापन की समस्या से जूझ रहा है, परंतु अब तक इसका ठोस समाधान नहीं हो सका है.
कार्यशाला को समिति के सचिव धर्मेद्र सिंह मुंडा, उपाध्यक्ष नोयेल नाग, जिला परिषद सदस्या एमलेन नाग, मुखिया लखीराम मुंडा, मंगल सिंह मुंडा, करम सिंह मुंडा, जय मसीह पुरती, मानसिंह मुंडा, सोहन लाल कुम्हार, भुवनेश्वर सिंह मुंडा, पदुमोहन मुंडा, सहदेव सिंह मुंडा, संतोषी कुम्हार, बुधनलाल मुंडा, सोयना मुंडा, नंद किशोर सिंह मुंडा, धनंजय सिंह, जुनूस नाग, सुकराम मुंडा, दुर्गा चरण सरदार ने भी संबोधित किया.
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