तीनपहाड़. ईसाई समुदाय का पर्व पवित्र वृहस्पतिवार गुरुवार को मुंडली चर्च में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया. इस अवसर पर प्रभु यीशु मसीह के जीवन और उनके बलिदान को स्मरण किया गया. फादर मारियानुस लकड़ा ने बताया कि आज के ही दिन प्रभु यीशु ने अपने 12 शिष्यों के साथ अंतिम भोजन किया था. इस भोजन से पहले उन्होंने अपने शिष्यों के पैर धोए थे, जो सेवा और विनम्रता का प्रतीक है. भोजन के उपरांत प्रभु यीशु गेतसमनी नामक स्थान पर प्रार्थना करने के लिए चले गए थे, जहां उन्हें यह आभास हुआ कि उनका अंतिम समय निकट है. फादर ने आगे बताया कि उसी स्थान पर कुछ क्रूर लोग आये और प्रभु यीशु को पकड़कर ले गये, और बाद में उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया. फादर ने यह भी कहा कि प्रभु यीशु ने सदैव प्रेम, क्षमा और भाईचारे का संदेश दिया. उन्होंने लोगों को आपसी प्रेम, शांति और एकता के साथ रहने की प्रेरणा दी. इस अवसर पर आसपास के क्षेत्रों से आए ईसाई समुदाय के कई लोग प्रार्थना सभा में शामिल हुए और प्रभु यीशु के जीवन से प्रेरणा ली.
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