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Jharkhand Naxal News : सरेंडर नक्सली जीवन का खुलासा- बहन के साथ दुष्कर्म व हत्या के बाद बना नक्सली, लेकिन इस वजह से छोड़ दिया संगठन का साथ

उसने बताया कि बहन की दुष्कर्म के बाद हत्या का बदला लेने के लिए वह संगठन में शामिल हुआ. मां बिरसिनिया कंडुलना को कैंसर होने पर संगठन से कोई मदद नहीं मिली, तो उसने संगठन छोड़ने का मन बनाया और सरेंडर कर दिया़. उसने बताया कि मां की मौत होने पर भी उसे छुट्टी नहीं दी गयी. नतीजतन मां का अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया, जिससे मन काफी आहत हुआ़

jharkhand naksali latest news, jharkhand news रांची : जोनल कमांडर जीवन कंडुलना उर्फ पतरस कंडुलना ने रविवार को न्यू पुलिस लाइन सभागार में उपायुक्त छवि रंजन तथा एसएसपी एसके झा के समक्ष राइफल के साथ सरेंडर कर दिया. वह खूंटी के रनिया थाना के जापुद (जयपुर) का रहनेवाला है़ सरेंडर पॉलिसी के तहत उसे दो लाख रुपये का चेक दिया गया़ सरेंडर के बाद उसने सेंट्रल कमेटी (सीसी) व रिजनल कमेटी (आरसी) माओवादियों से भी सरेंडर करने की अपील की है. उसने कहा कि सीसी व आरसी के नेता केवल नीचे वालों का इस्तेमाल करते है़ं

उसने बताया कि बहन की दुष्कर्म के बाद हत्या का बदला लेने के लिए वह संगठन में शामिल हुआ. मां बिरसिनिया कंडुलना को कैंसर होने पर संगठन से कोई मदद नहीं मिली, तो उसने संगठन छोड़ने का मन बनाया और सरेंडर कर दिया़. उसने बताया कि मां की मौत होने पर भी उसे छुट्टी नहीं दी गयी. नतीजतन मां का अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाया, जिससे मन काफी आहत हुआ़

उसने कहा कि एक जनवरी 2009 को उसकी बहन सुभाषी कंडुलना की चार युवकों ने दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी़ उस समय वह जालंधर में काम रहा था. बहन की हत्या की जानकारी होने के बाद वह वापस आया़ उसके बाद भाकपा माओवादी के निर्मल व प्रसाद जी उर्फ कृष्णा अहीर से संपर्क किया और निर्मल के दस्ता में शामिल हो गया. उसके बाद बहन के साथ दुष्कर्म करने वाले दो युवक मध्यम कुमार व राजकिशोर की हत्या कर बदला लिया.

वहीं उसकी बहन की हत्या करनेवाले दो युवक गांव से अब भी फरार है़ं 2009 से लेकर 2021 तक कई घटनाओं को अंजाम दिया. इस दौरान उसे पुलिस से लूटा हुआ एसएलआर दिया गया. तीर बम चलाने का प्रशिक्षण उन्हें आंध्र प्रदेश से झारखंड आये माओवादियों ने दिया था़

77 से अधिक मामले दर्ज हैं जीवन कंडुलना पर :

जीवन मुख्य रूप से चक्रधरपुर, चाईबासा, खूंटी, रांची में सक्रिय रहा. उस पर चाईबासा के सोनुवा, टोकला, गुदड़ी, कराईकेला, टैबो, चक्रधरपुर, खूंटी के रनिया, अड़की रांची के तमाड़ में हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट, 17 सीएलए एक्ट के 77 से अधिक मामले दर्ज है़ं सरेंडर के दौरान जीवन की पत्नी और छह साल की बच्ची भी उसके साथ थी़ जानकारी के मुताबिक जीवन कंडुलना के कुछ लोगों ने लॉकडाउन के दौरान ही एसएसपी व ग्रामीण एसपी नौशाद आलम से संपर्क कर जीवन के सरेंडर के संबंध में बताया था़

10 फरवरी को ही उसने संगठन छोड़ दिया था. वह गांव में ही इधर-उधर रहने लगा़ उसके बाद 18 फरवरी को उसने पुलिस मुख्यालय में सरेंडर कर दिया. 18 फरवरी के बाद उसकी निशानदेही पर तीन आइइडी (केन बम), दो तीर बम, चार राइफल, 210 गोली, छर्रा, तार, मैगजीन पाउच , 27 पीस बैटरी, नक्सली साहित्य व परचा बरामद किया गया.

तीर बम चलाने का प्रशिक्षण उन्हें आंध्र प्रदेश से झारखंड आये माओवादियों ने दिया था

जीवन की निशानदेही पर तीन आइइडी (केन बम), दो तीर बम, चार राइफल, 210 गोली सहित अन्य चीजें बरामद

जीवन पर हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आर्म्स एक्ट, 17 सीएलए एक्ट सहित 77 मामले दर्ज हैं

Posted By : Sameer Oraon

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