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नाले में बह गये उमेश को तलाशने पहुंचे उसके अपने गांव के लोग

कोकर खोरहा टोली के उफनते नाले में सोमवार की शाम बाइक समेत बहे उमेश राणा का चार दिनों बाद भी पता नहीं चला. उसकी तलाश में लगी एनडीआरएफ, पुलिस और नगर निगम की टीम को सफलता नहीं मिलने पर हजारीबाग के दारू प्रखंड के जरगह गांववालों ने अपने गांव के लाडले की तलाश का निर्णय लिया.

रांची : कोकर खोरहा टोली के उफनते नाले में सोमवार की शाम बाइक समेत बहे उमेश राणा का चार दिनों बाद भी पता नहीं चला. उसकी तलाश में लगी एनडीआरएफ, पुलिस और नगर निगम की टीम को सफलता नहीं मिलने पर हजारीबाग के दारू प्रखंड के जरगह गांववालों ने अपने गांव के लाडले की तलाश का निर्णय लिया. गुरुवार को गांव के 30 नौजवान-बुजुर्ग रांची पहुंच गये़ इनमें उमेश के गोतिया, रिश्तेदार और परिचित थे.

सभी ने घटनास्थल स्थित नाले के दोनों छोर से लेकर स्वर्णरेखा नदी और आगे तक उमेश की तलाश की. लोग नाले में भी उतरकर उमेश की तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. इधर उमेश की तलाश में उसके परिवार के सदस्यों को स्थानीय लोगों ने भी सहायता की. वहीं दूसरी ओर एनडीआरएफ के सहयोग से पुलिस और नगर निगम की टीम भी उमेश को काफी तलाशने का प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी.

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शाम 4:30 बजे तक हुई तलाश : उमेश राणा के बड़े भाई नरेश राणा ने बताया कि उन्हें घटना की सूचना अगले दिन सुबह फोन पर मिली थी. इसके बाद वह उत्तर प्रदेश से सीधे अपने गांव हजारीबाग पहुंचे. गांव पहुंचने के बाद कुछ लोगों को लेकर वे रांची पहुंचे. उन्होंने व उनके छोटे भाई ने उमेश राणा राणा की तलाश के लिए सरकार से गुहार लगायी है. इसके साथ ही उन्होंने उमेश राणा की पत्नी की सहायता के लिए सरकार से मदद मांगी है. इधर घटना के बाद उमेश राणा की पत्नी की स्थिति काफी खराब हो गयी है. वह बार-बार अपने पति को याद कर रोती रहती है.

गोतिया, रिश्तेदार-सब की आंखें तलाश रही उमेश को, स्थानीय लोगों ने भी की मदद : उमेश राणा की तलाश में स्थानीय लोगों ने भी परिजनों की काफी मदद की. मोहल्ले के विश्वजीत गोप उर्फ बिहारी ने इन लोगों के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया. विश्वजीत के अलावा मोहल्ला के अनीश, शंकर, गौतम मोनू समेत कई लोगों ने परिवार की मदद की. उमेश की तलाश में लोग नामकुम स्वर्ण रेखा से होते हुए हुंदरूगढ़ तक गए थे, लेकिन उमेश के बारे कुछ भी पता नहीं चला. वहीं मेयर आशा लकड़ा ने हजारीबाग से आये लोगों के रहने व खाने-पीने की व्यवस्था की.

Post by : Pritish Sahay

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