रांची. रांची नगर निगम में पिछले 75 दिनों में एक भी नक्शा पास नहीं हुआ है. लीगल अफसर नहीं होने का हवाला देकर निगम ने नक्शा पास करने की प्रक्रिया को बंद कर दिया है. रोजाना दर्जनों लोग अपने नक्शा का स्टेटस जानने निगम पहुंच रहे हैं. यहां उन्हें बताया जा रहा है कि जब तक लीगल अफसर की बहाली नहीं होगी, तब तक नक्शा पास नहीं किया जा सकता है. वहीं, आरआरडीए शहर के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में नक्शा पास करता है, वहां नक्शा पास करने का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है.
हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद से नक्शा पास होना बंद हो गया
पूर्व में नक्शा के कागजात की जांच राज्य सरकार द्वारा प्रतिनियुक्त पदाधिकारी करते थे, जिसे झारखंड हाइकोर्ट ने गलत बताया था. कोर्ट ने जनवरी माह में टिप्पणी की थी कि नक्शा के कागजात की जांच लीगल अफसर ही करेंगे. इसके बाद निगम में नक्शा के कागजात की जांच पूरी तरह से बंद कर दी गयी है. वहीं, राज्य सरकार द्वारा अब तक लीगल अफसर की प्रतिनियुक्ति नगर निगम में नहीं की गयी है.निगम में 320 आवेदन लंबित
वर्तमान में रांची नगर निगम में नक्शा से संबंधित 320 आवेदन लंबित हैं. इन आवेदनों के लंबित रहने के कारण प्रतिदिन लोग निगम पहुंचकर टाउन प्लानर व अन्य अधिकारियों को अपना दुखड़ा सुना रहे हैं. लोगों का कहना है कि वे नक्शा पास कराना चाह रहे हैं, तो नक्शा पास नहीं हो रहा है. अब अगर हम बिना नक्शा के ही घर बनाना शुरू कर देंगे, तो यही नगर निगम अवैध निर्माण का नोटिस देकर भवन तोड़ने आ जायेगा.नक्शा पास नहीं होने से अवैध निर्माण को बढ़ावा मिलेगा : सुजीत भगत
आर्किटेक्ट सुजीत भगत ने कहा कि भवन का नक्शा पास नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में सीधे तौर पर 50 हजार से अधिक मजदूर जुड़े हुए हैं. भवन निर्माण से हजारों लोगों को प्रतिदिन रोजगार मिलता है, जो बंद हो गया है. वहीं, भवन का नक्शा पास नहीं होने से अवैध निर्माण को बढ़ावा मिलेगा. छड़, सीमेंट, बालू सहित अन्य भवन निर्माण सामग्री के दाम दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं. नतीजा जितनी देर से लोग अपना घर बनायेंगे, लोगों को अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ेगी.
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